तबलीगी जमात : मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले क्राइम ब्रांच मौलाना मो. साद के करीब फटकने को राजी नहीं

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात मामले की जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। मौलाना मो. साद कांधलवी और उनके चार-पांच सहयोगियों के खिलाफ एफआईर दर्ज होने से बाद से मंगलवार वो पहला दिन रहा, जब मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच का परिंदा भी पर मारने इलाके में नहीं फटका।

आईएएनएस की टीम शाम करीब पांच बजे निजामुद्दीन थाना परिसर में बने क्राइम ब्रांच के अस्थाई कार्यालय पर पहुंची, तो वहां ताले पड़े थे। थाना कर्मियों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया, यहां (मौलाना साद के खिलाफ जांच कर रही टीम को दिया गया अस्थाई कार्यालय) तो सुबह से ही कोई नहीं आया।

क्राइम ब्रांच के अफसर आखिरी बार कब आए? आईएएनएस के पूछने पर पुलिसकर्मियों ने कहा, शुरू के कुछ दिनों तक तो डीसीपी साहब (ज्वाय टिर्की) एसीपी इंस्पेक्टर की टीमें आती रहीं। धीरे-धीरे उन लोगों का आना कम हो गया। आज (मंगलवार) तो कोई पूरे दिन नहीं आया।

इस बाबत पूछे जाने पर क्राइम ब्रांच के ही सूत्रों ने आईएएनएस को मंगलवार शाम कहा, अब उधर (निजामुद्दीन थाना परिसर में बने अस्थाई कार्यालय में) कुछ नहीं है। वैसे भी इलाका हॉट-स्पॉट डिक्लेयर कर दिया गया है। हम लोग अपना काम कहीं से भी कर लेंगे।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आज ही (मंगलवार) मौलाना मो. साद के होम क्वारंटाइन की अवधि खत्म हो चुकी है।

जब मौलाना साद की होम क्वारंटाइन की अवधि खतम हो चुकी है, तो फिर उन्हें बुलाकर क्राइम ब्रांच की टीमें पूछताछ क्यों नहीं कर रही है? आईएएनएस के इस सवाल के जबाब में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के ही एक अधिकारी ने कहा, अभी नामजद आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट आनी बाकी है। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की जांच कार्यवाही निर्भर है।

उधर, सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने भी कहा था, जमात मामले की जांच जारी है। जांच सही दिशा में चल रही है। इसलिए वक्त लग रहा है।

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सूत्रों की मानें, तो कानूनी रूप से मौलाना का लुक आउट नोटिस जारी किए जाने की कार्यवाही अभी बची है। हालांकि, उस पर भी विचार हुआ है। मगर इस विषय पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। आरोपियों के लुकआउट नोटिस में विलंब क्यों? पूछने पर क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, एलओसी जारी करने के लिए हमें किसी से पूछना नहीं है। न ही यह कोर्ट से संबंधित बात है। हम जब चाहेंगे तो एफआरआरओ (क्षेत्रीय विदेशी पंजीयन विभाग) को डिटेल लिखकर दे देंगे। साथ ही मौलाना और बाकी सब आरोपी हमारे संपर्क में हैं। हमारे सभी नोटिसों का जबाब भी आरोपियों ने दिया है। हालांकि, यह जबाब जांच को आगे बढ़ाने जैसे थे। लिहाजा अंतिम निर्णय पर आमने सामने जांच के बाद ही पुहंचा जा सकेगा।



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Tabligi Jamaat: Crime Branch Maulana Mo. before medical report comes. Do not agree to go close to Saad
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