डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हांगकांग में व्याप्त असंतोष को कुचलने के संदर्भ में चीन द्वारा लाए गए नए कानून पर चर्चा के लिए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल ऑनलाइन बैठक के लिए अनुरोध किया, जिसके बाद अब चीन ने भारत को सुलह के संदेश दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र के यूएस मिशन ने कहा कि हांगकांग के लिए चीन का प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून तत्काल वैश्विक चिंता, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का विषय है और इसलिए इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को तत्काल ध्यान आकर्षित करना चाहिए।

अमेरिका के इस कदम से चिंतित संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने ट्वीट कर कहा, बीजिंग सुरक्षा परिषद की बैठक के लिए अमेरिका के आधारहीन अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करता है। हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पर कानून विशुद्ध रूप से चीन के आंतरिक मामले हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने की मध्यस्थता करने की बात  
वहीं, इससे ठीक पहले वर्तमान में लद्दाख में उग्र सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच व्याप्त गतिरोध को कम करने और दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक ट्वीट में कही थी।हालांकि, इसके तुरंत बाद भारत में चीन के राजदूत सन वेइदॉन्ग ने भारतीय मीडिया के साथ बात करते हुए दोनों देशों के सैनिकों के बीच लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने और शांति के तहत सुलह के संदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा, चीन और भारत को चाहिए कि वे अपने मतभेदों का असर कभी भी समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर नहीं पड़ने दें और आपसी विश्वास को बढ़ाने की कोशिश करें। राजदूत ने आगे कहा, चीन और भारत को अच्छे पड़ोसियों की तरह सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व वाला होना चाहिए और अच्छे सहयोगियों की तरह हाथ आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा, चीन और भारत के लिए एकमात्र सही विकल्प है, ड्रैगन एंड एलिफेंट डांसिंग टुगेदर (चीन और भारत एक साथ)। यह हमारे दोनों देशों और लोगों के मौलिक हितों का काम करता है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति के हफ्तों बाद सामंजस्यपूर्ण संदेश अब देखने को मिले हैं।



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America, China ready to discuss Hong Kong, give message of reconciliation to India
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