डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत में इंडोर गेम्स की अहमियत पर जोर दिया और कहा है कि इन खेलों को नए अवतार में पेश किया जाना चाहिए। राष्ट्र को मन की बात के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हमें भारत के पारंपरिक इंडोर गेम्स को नए और आकर्षक अवतार में पेश करना चाहिए। उनसे जुड़ी चीजों को जुटाने वाले और सप्लाई करने वाले स्टार्टअप बहुत पापुलर हो जाएंगे। हमें यह भी याद रखना है कि हमारे भारतीय खेल भी तो लोकल हैं और हम लोकल के लिए वोकल होने का प्रण पहले ही ले चुके हैं।
उन्होंने कहा, हमारे देश में पारंपरिक खेलों की सृमद्ध विरासत रही है। आपने वो खेल का नाम सुना होगा पच्चिसी। यह खेल तमिलनाडु में पाल्लनगुली के नाम से जाना जाता है। इसे कर्नाटक में अलु गुली माने कहा जाता है। आंध्र प्रदेश में इसे वमन गुंटलू के नाम से जाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, अब, ऑनलाइन पढ़ाई की बात आ रही है तो संतुलन बनाने के लिए, ऑनलाइन खेलों से मुक्ति पाने के लिए हमें इंडोर गेम्स को बच्चों तक पहुंचाना होगा। हमारी युवा पीढ़ी और स्टार्टअप के लिए भी यहां एक नया अवसर है, और यह मजबूत अवसर है।
मोदी ने साथ ही एक और पारंपरिक इंडोर गेम मोक्ष पतम, परम पदम और गुट्टा का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कुछ इंडोर गेम्स ऐसे हैं जिनके लिए किसी तरह के उपकरण की जरूरत नहीं है और इन्हें घर में खेलना आसान है।
उन्होंने कहा, बड़े भी यह खेल (गुट्टे) खेलते हैं और बच्चे भी। बस एक ही आकार के पांच पत्थर उठाएं और आप गुट्टे खेलने के लिए तैयार। एक पत्थर हवा में उछालिए और जब तक वो पत्थर हवा में हो आपको जमीन में रखे पत्थर उठाने होते हैं।
उन्होंने कहा, आमतौर पर इंडोर गेमों में हमारे यहां कोई बड़े साधनों की कमी नहीं होती है। कोई चौक या पत्थर ले आता है, उससे जमीन पर ही लकीरें खींच देता है और खेल शुरू हो जाता है। जिन खेलों में डाइस की जरूरत पड़ती हैं उनमें कौड़ियों से या इमली के बीज से भी काम चल जाता है।
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