डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (11 सितंबर) सुबह 11 बजे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा (School Education in 21st Century) पर आयोजित कॉन्क्लेव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। शिक्षा मंत्रालय, शिक्षा पर्व (Shiksha Parv) के एक भाग के रूप में इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 7 अगस्त को शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार पर कॉन्क्लेव में उद्घाटन भाषण दिया था। पीएम गवर्नर्स के सम्मेलन को भी संबोधित कर चुके हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे पिछली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के 34 वर्षों के बाद घोषित किया गया। जिसमें में स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों स्तर पर बड़े सुधारों के लिए निर्देश दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को एक न्यायोचित और ज्ञान आधारित उद्योगी समाज बनाना है। इसमें भारत केंद्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की सोच है, जो देश को वैश्विक महाशक्ति में बदलने में सीधे योगदान करेगा।
एनईपी-2020 में देश में स्कूली शिक्षा में व्यापक सुधार की बात है। स्कूल स्तर पर 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के सार्वजनीकरण, स्कूल पाठ्यक्रम की 10 प्लस 2 संरचना को 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 पाठ्यचर्या संरचना में बदलने, 21वीं सदी के कौशल, गणितीय सोच और वैज्ञानिक रुझान के पाठ्यक्रम को एकीकृत करने, स्कूली शिक्षा के लिए नए व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के ढांचे का विकास करने, शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पेशेवर मानक तैयार करने, मूल्यांकन सुधार और बच्चे की 360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड और कक्षा 6 के बाद से व्यावसायिक एकीकरण पर जोर दिया जा रहा है।
शिक्षकों को सम्मानित करने और नई शिक्षा नीति 2020 को आगे बढ़ाने के लिए 8 सितंबर से 25 सितंबर, 2020 तक शिक्षा पर्व मनाया जा रहा है। देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अलग-अलग पहलुओं पर वेबिनार, वर्चुअल सम्मेलन और सभाएं आयोजित की जा रही हैं।
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