नीरव मोदी प्रत्यपर्ण मामले में लंदन की अदालत में भारत के सबूत स्वीकार्य

लंदन, 4 नवंबर (आईएएनएस)। हीरा व्यवसायी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले पर सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का एक प्रथम ²ष्टया मामला साबित करने के लिए जो सबूत पेश किए हैं, वे स्वीकार्य हैं।

डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने मंगलवार को यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रदान किए गए कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता के पक्ष में और इसके खिलाफ दलीलें सुनीं और मामले को दो दिन 7 और 8 जनवरी, 2021 की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।

नीरव मोदी अनुमानित 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी घोटाले के मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है।

49 वर्षीय नीरव ने कोर्ट का कार्यवाही दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियोलिंक के जरिए देखी, जहां वह मार्च 2019 से बंद है।

वह 1 दिसंबर को नियमित रूप से 28 दिन की रिमांड कॉल-ओवर सुनवाई के लिए, वीडियोकॉल द्वारा अगली बार जेल से हाजिर होगा।

क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने भारतीय अधिकारियों की ओर से बहस करते हुए जोर दिया कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 161 के तहत गवाह के बयान सहित साक्ष्य ब्रिटिश कोर्ट को यह निर्धारित करने के लिए आवश्यक सीमा को पूरा करते हैं कि नीरव मोदी का भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष जवाब देने का मामला बनता है या नहीं।

वीएवी-एसकेपी



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India's evidence admissible in London court in Nirav Modi extradition case
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