ढाका, 5 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन ओइक्या परिषद (बीएचबीसीयूसी) ने देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा के विरोध में शनिवार को देशव्यापी रैलियां और धरने करने की घोषणा की है। इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
इस साल कोविड-19 महामारी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा में अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। बीएचबीसीयूसी के महासचिव राणा दासगुप्ता ने आईएएनएस को बताया, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही संगठित कट्टरपंथी हिंसा को तुरंत रोका जाना चाहिए। बांग्लादेश की इन ताकतों द्वारा हो रहे जातीय सफाई के खिलाफ एकजुट होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि रैलियां और धरने के कार्यक्रम सुबह 10 बजे से रात 12 बजे तक होंगे। ढाका में विरोध प्रदर्शन शाहबाग में किया जाएगा, जबकि चटगांव शहर में न्यू मार्केट चौराहे पर होगा।
बीएचबीसीयूसी के अनुसार, इस साल अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। 17 मौतों के अलावा 10 लोगों की हत्या का प्रयास किया गया है और 11 लोगों को जान से मारने की धमकियां मिलीं। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के साथ दुष्कर्म और अपहरण की कई घटनाएं भी हुईं।
दुर्गा मूर्तियों की तोड़फोड़, मंदिरों पर हमले, लोगों को देश छोड़ने की धमकी देने जैसी अन्य घटनाएं भी सामने आई हैं।
दासगुप्ता ने आगे कहा, यह बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए बहुत दुर्भाग्य की बात है। 1971 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के महान नेतृत्व में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए सभी अल्पसंख्यक लड़े। उन्हें उम्मीद थी कि यहां एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश की स्थापना होगी, जो शोषण, भेदभाव उत्पीड़न से मुक्त होगा।
एसडीजे-एसकेपी
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