बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), 2 नवंबर (आईएएनएस)। कानपुर के बिकरू गांव में हुए नरसंहार के आरोपी अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे को खून की उल्टी होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने कहा है कि यह समस्या मौसम में हुए बदलाव और गले के संक्रमण के कारण हुई थी।
खुशी को गिरफ्तार के बाद बाराबंकी के आश्रय गृह में रखा गया था। उसकी हालत बिगड़ने पर रविवार को उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था। बिकरू में 3 जुलाई को पुलिस टीम पर घात लगाकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी।
खुशी के पिता श्याम लाल तिवारी ने कहा कि उनकी बेटी पिछले तीन महीनों से बीमार थी और उसे उचित इलाज नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने सोमवार को कहा, अधिकारियों ने उसे खून की उल्टी होने के कुछ घंटों में ही फिर से आश्रय गृह भेज दिया।
वहीं अस्पताल में खुशी ने संवाददाताओं से कहा, मेरी कोई गलती न होने पर भी सजा दी जा रही है। जब बिकरू की घटना हुई तब मेरी शादी को सिर्फ 3 दिन हुए थे और शादी के 9 दिन बाद मेरे पति को पुलिस ने गोली मार दी और मुझे गिरफ्तार कर लिया था। मुझे इस घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है लेकिन पुलिस मुझे नहीं छोड़ रही है।
16 वर्षीय खुशी की रिहाई की मांग कर रहे आप सांसद संजय सिंह ने कहा, वह एक नाबालिग लड़की है और गिरोह से जुड़ी नहीं है। उसे गिरफ्तार नहीं करना चाहिए था। उसे जल्द से जल्द छोड़ना चाहिए।
खुशी के पकड़े जाने के कुछ समय बाद कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया था, खुशी के पास शायद अमर से शादी करने का कोई विकल्प नहीं था और अब वो एक विधवा के तौर पर पुलिस उत्पीड़न का सामना कर रही है।
खुशी को बिकरू घटना में सह-आरोपी बनाया गया है। उस पर आईपीसी की धारा 302, 307, 394 और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसडीजे-एसकेपी
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