डिजिटल डेस्क (भोपाल) किसान पिछले 30 दिन से कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए है। वहीं, सरकार भी यह तय कर चुकी है कि वह किसी भी कीमत पर अपना निर्णय वापस नहीं लेगी। किसानों का आरोप है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों की खत्म करने की कोशिश में है। आज उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान बाजपुर में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की तो एक किसान ने बैरिकेड पर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया।
इधर, दिल्ली में किसान आंदोलन में महिलाएं भी बराबर योगदान दे रही हैं, लंगर पकाने से लेकर मंच से भाषण देने तक में भागीदारी निभा रही हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि देश में किसान भाईयों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। जो सैंट्रल हॉल में नारे लगा रहे थे, उनकी खुद की दिल्ली सरकार ने 23 नवंबर को नये कृषि कानून स्वीकार करते हुए नोटिफाई किया है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री के संबोधन से उनकी गलतफहमी दूर हुई होगी।#WATCH | Protesters agitating against the new farm laws run a tractor over a police barricade in Bajpur, of the Udham Singh Nagar district in Uttarakhand pic.twitter.com/aI97qNcg0U
— ANI (@ANI) December 25, 2020
वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओं। पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है। क्यों आप लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हो। इसके अलावा वह लगातार प्रधानमंत्री की बातों को ट्वीट कर रहे हैं, जिमसें कृषि काननों को किसानों के हित में बताया जा रहा है।
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