डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंदौर नगर निगम के रिमूवल विभाग के शुक्रवार को सामने आए अमानवीय चेहरे की देशभर में निंदा हो रही है। वहीं लॉकडाउन के दौरान हजारों लोगों को घर पहुंचाने में मदद करने वाले फिल्म एक्टर सोनू सूद अब इन बेसहारा और बेघर बुजुर्गों की मदद करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इंदौर में शुक्रवार हुए कृत्य पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
हमें छत देने की कोशिश करना चाहिए
सोनू सूद ने वीडियो में नगर निगम और सरकार का नाम लिए बिना यह कहा कि इंदौरवासी भाई बहनों से गुजारिश करूंगा कि मैंने कल एक खबर देखी। जहां बुजुर्गों को इंदौर शहर सीमा से बाहर रखने का प्रयत्न किया गया। उन्होंने कहा मैं और आप सब मिलकर इन्हें छत देने की कोशिश करना चाहिए। मैं बुजुर्गों को उनका हक दिलाना चाहता हूं और उनके सिर पर छत दिलाना चाहता हूं। उनके खाने पीने का प्रबंध और ध्यान रखने की कोशिश करना चाहता हूं, लेकिन यह सब कुछ इंदौरवासियों के बिना मुश्किल है।
मां बाप को अलग रखने वालों के लिए सीख
सोनू सूद ने इंदौर की घटना का उदाहरण देते हुए बच्चों से गुजारिश कि है कि जो बच्चे मां बाप को अलग छोड़ देते है। उनके लिए एख सीख होना चाहिए कि आप अपने मां बाप को हमेशा साथ रखे उनका ध्यान रखें। तो आइये इंदौरवासियों के साथ एख ऐसा उदाहरण सेट करे ताकि बड़े बुजुर्ग कभी भी अकेला महसूस न करे। आईये पूरे देश के लिए उदाहरण पेश करे।
यह है पूरा मामला
दरअसल, इंदौर नगर-निगम के कर्मचारी एक कचरा गाड़ी में शहर के बेसहारा बुजुर्गों को पशुओं की तरह भरकर उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे छोड़ने आए थे, लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को गाड़ी में वापस भरकर ले गए।
चश्मदीद दुकान संचालक राजेश जोशी ने बताया कि दोपहर दो से ढाई बजे की बात है। इंदौर नगर निगम की गाड़ी आई थी, जिसमें कुछ बुजुर्ग लोग बैठे थे। एक-एक करके निगमकर्मी सभी को उतारने लगे। जो बुजुर्ग उतर नहीं पा रहे थे, उन्हें टांगाटोली कर उतार रहे थे।
मैंने वीडियो बनाते हुए उनसे पूछा कि इन्हें यहां क्यों उतार रहे हो, तो वे बोले कि हमें सरकार का आदेश है, ये इंदौर में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इंदौर में गंदगी फैला रहे हैं। इस पर हम वापस आने लगे, तो देखा कि ये इन्हें यहीं पर छोड़कर जा रहे हैं। इसके बाद हमने उनकी गाड़ी रुकवाई और सभी को गाड़ी में फिर से बिठवाया। राजेश ने बताया कि जिन्हें गाड़ी से उतारा गया था, उनकी हालत बहुत ही बुरी थी। वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इसमें 10-12 बुजुर्ग थे। इसमें दो महिलाएं भी थीं। सड़क पर उनके कपड़े पड़े हुए थे।
डिप्टी कमिश्नर सस्पेंड, 2 कर्मचारी टर्मिनेट
CM शिवराज सिंह चौहान इस मामले में नाराजगी जता चुके हैं। बुजुर्गों को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी संभाल रहे डिप्टी कमिश्नर को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही 2 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जिस तरह बुजुर्गों को शिप्रा इलाके में छोड़ने की कोशिश की गई, वह गलत है। कायदा यह है कि ऐसे लोगों को रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाए।
इंदौर, मप्र की ये घटना मानवता पर एक कलंक है। सरकार और प्रशासन को इन बेसहारा लोगों से माफी माँगनी चाहिए और ऑर्डर लागू कर रहे छोटे कर्मचारियों पर नहीं बल्कि ऑर्डर देनेवाले उच्चस्थ अधिकारियों पर ऐक्शन होना चाहिए। pic.twitter.com/r47k6Cc6Ox
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 30, 2021
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