डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार शाम को हुए ब्लास्ट  की जिम्मेदारी जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने ली है। वहीं ब्लास्ट वाली जगह एक गुलाबी रंग का कपड़ा या दुपट्टा मिला है। ये आधा जला हुआ है। गुलाबी दुपट्टे का रहस्य क्या है इसका पता लगाया जा रहा है।

इस बीच इस ब्लास्ट को लेकर एक नया खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि रेकी के बाद आईईडी को प्लांट किया गया। जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसकी बनावट और दूसरे डिटेल से पता चलता है कि उसे एक प्रोफेशनल ने तैयार किया था। जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को पहले से इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। इस धमाके की जांच के लिए देश की टॉप एजेंसियां लगी हुई हैं। NSG इस्तेमाल विस्फोटकों का विश्लेषण कर रही है, जबकि NIA और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी जांच कर रही है। उधर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के लोगों की सुरक्षा के लिए भारत पर भरोसा है। भारत इजरायलियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

ब्लास्ट के समय एम्बेसी के आसपास 45 हजार मोबाइल फोन एक्टिव थे
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट के समय आसपास के इलाके में 45 हजार मोबाइल फोन एक्टिव थे। जांच टीम को उस एरिया के मोबाइल टॉवर के यह डेटा मिला। हालांकि यह साफ नहीं है कि धमाके को अंजाम देने वाले लोग वारदात के दौरान अपने साथ फोन रखे हुए थे या नहीं। 

कैब बुक करने वालों के डेटा की हो रही पड़ताल
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर आने या यहां से जाने के लिए कैब बुक करने वालों के डेटा की पड़ताल भी कर रही है। इनमें ओला और उबर समेत दूसरी कैब सर्विस शामिल हैं। शुक्रवार दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच कैब लेने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा पहले पूरी सड़क की सीसीटीवी 3 घंटे की ली गई थी। अब 3 दिन की फुटेज ली जा रही है।

ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया
अब तक की जांच में पता चला है कि ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया था। जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से ड्राई सेल के टुकड़े इकट्ठा किए हैं। आशंका ये है कि धमाके के लिए प्रयोग में लाया गया विस्फोटक मिलिट्री ग्रैड का है। हालांकि इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी भी नहीं आई है।

गुलाबी दुपट्टे की भी होगी जांच
इस्राइल दूतावास के पास जहां धमाका हुआ था वहां से बरामद लिफाफे और जले हुए पिंक कलर के दुपट्टे की पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने मामले में 3डी मैपिंग भी कराई है। एफएसएल की टीम ने भी मौके से आज कई साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने दो ईरानी नागरिकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। 

इजराइल के राजदूत ने कहा- यह आतंकी हमला ही था
इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार को हुए ब्लास्ट को इजराइल के राजदूत रॉन मलका ने आतंकी हमला करार दिया है। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मलका ने शनिवार को कहा, ‘हमारे पास इस पर भरोसा करने के पर्याप्त कारण हैं कि यह आतंकी हमला था। हम इससे हैरान नहीं है। खुफिया इनपुट मिलने के बाद पिछले कुछ हफ्तों से हम अलर्ट थे।’ इजराइल के डिफेंस ने हमले के पीछे ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का हाथ बताया है।

जांच में अब तक मिले अहम सबूत

  • फॉरेंसिंक टीम की तफ्तीश में सामने आया है कि ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था।
  • मौके से क्राइम ब्रांच की टीम को आधा जला हुआ लाल रंग का दुपट्टा (scarf) और इजराइली राजदूत के नाम एक लिफाफा मिला है।
  • सूत्रों के मुताबिक, इस लिफाफे के अंदर से एक चिट्ठी भी बरामद हुई है। इसमें 'यह तो ट्रेलर है' लिखा है। फॉरेंसिक टीम अब फिंगर प्रिंट की जांच कर रही है।
  • जांच एजेंसियों ने घटनास्थल से कोल्ड ड्रिंक कैन के टूटे हुए टुकड़े और बॉल बियरिंग्स बरामद किया है। इन टुकड़ों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
  • शुरुआती जांच से पता चला है कि कोल्ड ड्रिंक कैन में विस्फोटक और बॉल बियरिंग्स को ठूंस दिया गया था।


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Explosion outside Israeli embassy, organization named Jaish-ul-Hind took responsibility for the blast
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