डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार वार्ता तथा किसानों की समस्या को हल करने के प्रति गंभीर नहीं है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) और SKM ने कई जन कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा है कि 13 जनवरी को तीनों कानून व बिजली बिल की प्रतियां जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला किसान दिवस मनाया जाएगा और सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम होगा।
AIKSCC के वर्किंग ग्रुप ने कहा कि 7वें दौर की वार्ता के अंत में सरकार ने कहा था कि हमने समझ लिया है कि आप रिपील की बात कर रहे हैं और हमें अब आपस में और चर्चा करनी होगी। इसके बावजूद वार्ता कामयाब नहीं हुई, कई मंत्री और भाजपा नेता आगे की प्रक्रिया में रोड़ा अटका रहे हैं। किसानों को कृषि मंत्री के उस बयान पर आपत्ति है, जिसमें उन्होने कहा है कि सरकार कानून का समर्थन करने वाले अन्य किसान संगठनों से बातचीत करेगी।
समिति ने केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार एक तरफ जहां कह रही है कि MSP जारी रहेगी, वहीं गडकरी MSP की मांग को गलत बताते हुए कह रहे हैं कि यह बाजार के रेट से ज्यादा होती है। नीति आयोग के सदस्य भी कह रहे हैं कि सरकार न खाना खरीद सकती है, न उसको भंडारण कर सकती है, जबकि सरकार कह रही है कि खरीद जारी रहेगी।
किसानों को घेरे हुई है हरियाणा पुलिस
किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा रेवाड़ी में विरोध कर रहे किसान व स्थानीय लोगों में मतभेद पैदा करने के प्रयासों को विफल किया गया है। हालांकि पुलिस ने किसानों को घेरा हुआ है। उसने विपरीत दिशा में जाने वाले मार्ग को बंद करके लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी। आज सुबह ट्रक ड्राइवरों, किसानों व स्थानीय लोगों ने दबाव बनाकर यह रास्ता खुलवा दिया। उन्होने बताया कि कल किसान 500 ट्रैक्टरों में बागपत जिले के बड़ौत तहसील से आए और धरना शुरू कर दिया। ओडिशा में आदिवासियों की विरोध की तैयारी चल रही है।
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