डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने लगभग दो साल पहले 'मिशन शक्ति' के माध्यम से अपनी एंटी-सैटेलाइट (ASAT) तकनीक का प्रदर्शन किया था। अब भारत की नवगठित डिफेंस स्पेस टेक्नोलॉजी (DSA) एजेंसी ने अंतरिक्ष में और अंतरिक्ष से आने वाले खतरों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकियों के लिए स्काउटिंग शुरू कर दी है। बता दें कि भारत की डिफेंस स्पेस टेक्नोलॉजी एजेंसी को पूरी तरह से काउंटर-स्पेस एक्टिविटीज को चलाने के लिए स्थापित किया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी ने कई कंपनियों से SSA (स्पेस सिचवेशनल अवेयरनेस) सॉल्यूशन्स के लिए प्रपोजल मांगे हैं जो एनिमी के एसेट्स का पता लगा सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। साथ ही हमलों की चेतावनी भी दे सकते हैं। आरएफआई को जवाब देने के लिए कंपनियों के पास मार्च के पहले सप्ताह तक का समय है। डीएसए एक ऐसे सिस्टम की भी तलाश कर रहा है जो विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध स्पेस सर्विलांस डेटा को एक कॉमनऑपरेटिंग पिक्चर (सीओपी) में फ्यूज कर सके ताकि खतरों का बेहतर मूल्यांकन किया जा सके।
बता दें कि डीएसए एक ट्राई-सर्विस एजेंसी है जिसका हेडक्वार्टर बेंगलुरु में हैं। एयर वाइस मार्शल एसपी धरकर इसे हेड करते हैं। रक्षा मंत्रालय (MoD) के तहत 2019 के मध्य में प्रदान किया गया था, एक त्रि-सेवा एजेंसी है, जिसकी अध्यक्षता एयर वाइस मार्शल एसपी धरकर करते हैं। सूत्र बाताते हैं कि एजेंसी पिछले साल से कई स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ बात कर रही थी, लेकिन उसने आधिकारिक रूप से जनवरी 2021 के आसपास RFI जारी किया है।
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