डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को किसान आंदोलन से जुड़े 'टूलकिट' मामले में दिशा रवि की एक दिन की हिरासत मिली है। दिशा रवि से अन्य आरोपियों के सामने पूछताछ होगी। न्याचिक हिरासत खत्म होने के बाद सोमवार को दिशा रवि की अदालत में पेशी हुई। दिल्ली पुलिस ने अदालत से दिशा रवि की रिमांड पांच दिन बढ़ाने की मांग की, लेकिन अदालत ने केवल एक दिन ही रिमांड बढ़ाई।
इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। दिशा को पांच दिन की पुलिस हिरासत के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था। किसानों के विरोध से संबंधित सोशल मीडिया पर 'टूलकिट' शेयर करने और एडिट करने के आरोप में दिशा रवि की 13 फरवरी को बेंगलुरु में गिरफ्तारी हुई थी।
पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि दिशा पूछताछ के दौरान जवाब देने में आनाकानी कर रही है। इतना ही नहीं उसने सारा दोष सह-आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक पर मढ़ दिया है। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि वह शांतनु और निकिता के सामने दिशा से पूछताछ करना चाहती है। पुलिस ने बताया था कि शांतनु को नोटिस दिया गया है, जो 22 फरवरी को जांच में शामिल होंगे। इसके बाद दोनों का आमना-सामना कराया जाएगा।
बता दें कि 22 वर्षीय दिशा रवि जलवायु कार्यकर्ता हैं। वो बेंगलुरू की रहने वाली हैं। बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से उन्होंने बीबीए की डिग्री ली हैं और वह 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया' नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं। दिशा गुड वेगन मिल्क नाम की एक संस्था में काम करती हैं। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य जानवरों पर आधारित कृषि को खत्म कर उन्हें भी जीने का अधिकार देना चाहते हैं।
दिशा रवि पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के समर्थन में बनाई गई एक विवादित 'टूलकिट' को सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप लगाया है। ये वही टूलकिट है जो इनवॉयरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। दिल्ली की एक अदालत ने रविवार (14 फरवरी) को दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
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