नई दिल्ली। केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान भविष्य के लिए रणनीति बना रहे हैं। अपने इस प्रदर्शन को लेकर जागरूकता का प्रसार करने की एक रणनीति के रूप में इन्होंने देश में होने वाली महापंचायतों की श्रृंखला की घोषणा की है, जिनमें चुनाव वाले राज्य भी शामिल हैं। इस दौरान संयुक्ता किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और चुनाव से सिर्फ 14 दिन पहले 13 मार्च को वहां आयोजित एक महापंचायत में भाग लेंगे।
27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में 294 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। सूत्र ने कहा कि डॉ. दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल जैसे अन्य किसान नेता भी 12 मार्च को महापंचायत में भाग लेंगे, जबकि टिकैत 13 मार्च को इसे संबोधित करेंगे।
टिकैत की पश्चिम बंगाल की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि एसकेएम ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह चुनाव होने वाले राज्यों के लोगों से किसान विरोधी और गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा को सबक सिखाने की अपील करेगी।
पंजाब: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसान अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। गर्मियों के मौसम को देखते हुए इस बार किसानों ने ट्रोलियों में पंखे लगाए हैं। #FarmLaws pic.twitter.com/kkB1AdouOb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2021
पश्चिम बंगाल में टिकैत का यह दौरान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि एसकेएम ने हाल ही में इस बात की घोषणा की थी कि इसके माध्यम से चुनाव होने वाले राज्यों के लोगों से किसान विरोधी और गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा को सबक सिखाने की अपील करेगी।
वहीं, सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मियों के लिए अपनी तैयारी कर ली है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम पिछले 3 महीनों से सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं और यह लंबा चलेगा। यहां गर्मी के हिसाब से टेंट बनाया गया है, फ्रिज और पंखे भी लगाए गए हैं।"
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