डिजिटल डेस्क (भोपाल)। पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की 27 साल पहले आज ही के दिन (27 मार्च, 1994) किस्मत बदल गई थी। दरअसल, ऑकलैंड में न्यूजीलैंड और भारत के बीच सीरीज का दूसरा वन-डे खेला गया था। इस मैच से पहले भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू गर्दन में अकड़न की वजह से टीम से बाहर हो गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने पहली बार बतौर ओपनर बल्लेबाजी का मौका दिया और इस मौके का सचिन ने पूरी तरह से फायदा उठाया और इतिहास रच दिया।
ओपनर बल्लेबाजी करने उतरे तेंदुलकर की यह पारी उनके कैरियर के लिए टर्निंग पाइंट बन गई। बतौर ओपनर पहली बार बल्लेबाजी करने तेंदुलकर ने 49 गेंदों में ताबड़तोड़ 82 रन जड़ दिए। इसके बाद तेंदुलकर ने भारत के लिए 344 वन-डे मैचों में बतौर ओपनर बल्लेबाजी की और 15,310 रन बनाए और 49 शतक भी जड़े।
50 ओवर के इस मैच में न्यूजीलैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था। लेकिन उनकी यह निर्णय गलत साबित हुआ और पूरी टीम 49 ओवर में महज 142 रन पर आलआउट हो गई। न्यूजीलैंड की तरफ से सिर्फ क्रिस हैरिस ने 50 रन की पारी खेली। बाकी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। भारत की तरह से राजेश चौहान ने 3 विकेट लिए थे।
इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी अच्छी रही और पहले विकेट के लिए अजय जडेजा और तेंदुलकर ने 61 रन जोड़े। सचिन की 82 रन की पारी की बदौलत भारत ने यह मैच बहुत आसानी से सिर्फ 23 ओवर में ही जीत लिया। भारत ने तीन विकेट खोकर 143 रन बनाए। तेंदुलकर को मैन ऑफ दा मैच चुना गया।
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