डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की सीमाओं पर 96वें दिन से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बैठक आयोजित की। इसमें आंदोलन के 100 दिन पूरे होने की किसान संगठनों ने आगामी दिनों की रणनीति सबके सामने रखी।
बैठक में किसान संगठनों ने अब चुनावी राज्यों में BJP के खिलाफ प्रचार करने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह किसान नेताओं को चुनाव वाले राज्यों में भेजेगा, ताकि वहां के किसानों से भाजपा को हराने की अपील की जा सके। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने बताया कि आगामी 6 मार्च को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन के 100 दिन हो जाएंगे। उस दिन दिल्ली व दिल्ली के बॉर्डर के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। यह सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम किया जाएगा और टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त किया जाएगा। 8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा।
12 मार्च को कोलकाता में जनसभा करेंगे
किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि एक्सप्रेस-वे को 5 घंटे के लिए अलग-अलग जगह जाम किया जाएगा। संगठन के नेता 12 मार्च को कोलकाता में एक जनसभा करेंगे। यादव ने कहा कि हमारे नेता कर्नाटक भी जाएंगे। वहां किसानों को फसलों पर MSP से कम से कम 1000 रुपए कम मिल रहे हैं। यादव ने बताया कि हमने 10 बड़ी ट्रेड यूनियंस के साथ बैठक की है। इसमें तय किया गया है कि किसान और मजदूर यह लड़ाई मिलकर लड़ेंगे। 15 मार्च को मजदूर और कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ पूरे देश में सड़कों पर उतरेंगे। किसान भी उनके साथ जुड़ेंगे।
किसी के लिए वोट नहीं मांगेंगे
एक और किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारी टीमें भाजपा को हराने के लिए किसानों से अपील करेंगी। इसके लिए वे पश्चिम बंगाल और केरल सहित चुनावी राज्यों का दौरा करेंगी। राजेवाल ने कहा कि हम किसी पार्टी के लिए वोट नहीं मांगेंगे। हम लोगों से उन उम्मीदवारों के लिए वोट देने की अपील करेंगे, जो भाजपा को हरा सकते हैं।
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