डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। शनिवार शाम को किसानों ने पंजाब में मुक्तसर जिले के मलोट में भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरुण नारंग को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इतना ही नहीं उनके कपड़े तक फाड़ दिए। नारंग के समर्थकों ने कहा कि विधायक पर कुछ लोगों ने हमला किया, जिससे वह घायल हो गए। उनके कपड़े कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों ने फाड़ दिए, उन पर काली स्याही भी फेंकी और उन्हें काफी चोटें भी आई हैं। अरुण नारंग अबोहर से भाजपा के विधायक हैं।
मामले में पुलिस ने 250 से 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने धारा-307 यानी हत्या की साजिश समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। भाजपा विधायक की पिटाई का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
दरअसल, नारंग कृषि कानून के समर्थन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने मलोट आए थे। किसानों को उनके आने की खबर लगी तो वे मलोट में भाजपा कार्यालय के बाहर जमा हो गए। किसानों को जमा होते देखकर पुलिस विधायक को निकालने की कोशिश की, लेकिन किसान उनके पीछे लग गए। पुलिस विधायक को एक दुकान के अंदर ले गई। किसानों ने यह देख लिया और वे उस दुकान के बाहर ही धरने पर बैठ गए। यह देखकर पुलिस ने दुकान अंदर से बंद कर ली। इस बीच किसानों ने विधायक की गाड़ी पर कालिख पोती और तोड़फोड़ भी की।
पुलिस से भिड़े और विधायक को खींचा
कुछ देर बाद पुलिस नारंग को दुकान से निकालकर ले जाने लगी। किसान भी उनके पीछे दौड़ पड़े। यह देखकर विधायक और नेता जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने जब उग्र किसानों को रोकने की कोशिश की तो दोनों तरफ से झड़प शुरू हो गई। इस बीच किसानों ने विधायक को पकड़ लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए पीटने लगे और कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद किसी तरह से पुलिसकर्मियों ने विधायक को बचाया और अपने साथ ले गई। विधायक अरुण नारंग बीजेपी के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। एक बार पार्षद भी रह चुके हैं और एक पार्षद चुनाव हार भी चुके हैं। साथ ही RSS के प्रमुख कार्यकर्ता भी हैं।
दो भाजपा नेताओं के साथ भी मारपीट
मलोट में किसानों ने आज सिर्फ भाजपा विधायक नारंग के साथ ही मारपीट नहीं की। बल्कि भाजपा के दो और नेताओं के साथ भी हाथापाई की। पुलिस भाजपा नेताओं को एक दुकान के अंदर ले गई और पीछे के रास्ते से उन्हें निकाला। सूत्रों ने बताया कि हाथापाई के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी हल्की चोट लगी, क्योंकि हाथापाई करीब एक घंटे तक जारी रही। भाजपा के नेता भी मलोट में भाजपा कार्यालय तक नहीं पहुंच सके, जहां उन्हें दोपहर 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी। किसानों ने भाजपा कार्यालय में पार्टी के झंडे भी जलाए।
CM कैप्टन अमरिंदर ने घटना पर चिंता जताई, कहा- होगी कार्रवाई
पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने किसानों से यह अपील भी की कि वे ऐसे हिंसा वाले कार्यों में शामिल न हों। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की कि कानून व्यवस्था की स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए किसानों के मसलों का जल्द से जल्द हल करें। मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को उन अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो विधायक को बचाने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों से भी भिड़ गए थे।
भाजपा विधायक पर हमले की घटना को लेकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की पंजाब भाजपा नेताओं द्वारा की गई मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि इस घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने के बजाय, भाजपा नेताओं को विवादास्पद कानून वापस लेने के लिए अपने केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच पैदा हुए गुस्से के बारे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाना चाहिए।
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