डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मैं मुख्यमंत्री होने के बावजूद कुछ नहीं कर पा रहा हूं। मैंने केन्द्रीय मंत्रियों से मदद मांगी। उन्होंने मदद भी की, लेकिन अब वो थक चुके हैं। हम किसी को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। अगर दिल्ली में ऑक्सीजन की फैक्ट्री नहीं है तो क्या दो करोड़ लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी ? जिन राज्यों में ऑक्सीजन प्लांट हैं, वो दूसरों की ऑक्सीजन रोक सकते हैं। अगर किसी अस्पताल में एक-दो घंटे की ऑक्सीजन बच जाए या ऑक्सीजन रुक जाए और लोगों की मौत की नौबत आ जाए तो मैं फोन उठाकर किससे बात करूं, कोई ट्रक रोक ले तो किससे बात करूं?' यह कहना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोरोनावायरस को लेकर की जा रही हाईलेवल मीटिंग ये बात कही।
केजरीवाल न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि ऑक्सीजन की कमी काफी ज्यादा है, सरकार को देश के ऑक्सीजन प्लांट को कंट्रोल में लेकर सेना को सौंप देना चाहिए ताकि सभी राज्यों को ऑक्सीजन तुरंत मिल पाए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह सीएम होकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने अपील की है कि हवाई मार्ग से भी ऑक्सीजन मिलनी चाहिए, जबकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की सुविधा दिल्ली में भी शुरू होनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश में वैक्सीन सभी को एक ही दाम पर मिलनी चाहिए, केंद्र-राज्य को अलग-अलग दाम में वैक्सीन नहीं मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि देश में कोरोनावायरस के बिगड़ते हालातों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक कर रहे हैं।इसमें वो उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं, जहां कोरोना के मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं। सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उन्होंने संवाद शुरू किया है। केजरीवाल ने कहा, 'एक नेशनल प्लान बनना चाहिए। इसके तहत देश के सभी ऑक्सीजन प्लांट को आर्मी के जरिए सरकार टेकओवर करे। हर ट्रक के साथ आर्मी का एसकॉर्ट व्हीकल रहेगा तो कोई उसे नहीं रोक पाएगा। 100 टन ऑक्सीजन ओडिशा, बंगाल से आनी है। हम कोशिश कर रहे हैं कि उसे दिल्ली लाने के लिए। हो सके तो हमें हवाई जहाज से उपलब्ध कराएं या आपका आइडिया है ऑक्सीजन एक्सप्रेस का, तो उससे से हमें ऑक्सीजन मिले।
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