डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का ट्रायल अगले 10-12 दिनों में शुरू होने की संभावना है। यह बात मंगलवार को नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने मीडिया से बात करते हुए कही। डॉ. पॉल ने कहा, मुझे बताया गया है कि अगले 10-12 दिन में ये ट्रायल शुरू हो जाएंगे। अभी कोवैक्सिन का इस्तेमाल देश में 18+ के वैक्सीनेशन के लिए किया जा रहा है।
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 11 मई को इस ट्रायल की सिफारिश की थी। जिसके बाद इसकी मंजूरी मिल गई। ये क्लीनिकल ट्रायल 525 लोगों पर दिल्ली एम्स, पटना एम्स, नागपुर के MIMS अस्पतालों में होगा। भारत बायोटेक को फेज़ 3 का ट्रायल शुरू करने से पहले फेज़ 2 का पूरा डाटा उपलब्ध कराना होगा। कोवैक्सिन का बच्चों पर ट्रायल सफल रहा तो अमेरिका और कनाडा के बाद भारत तीसरे देश होगा जिसकी वैक्सीन बच्चों के लिए भी कारगर होगी।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर विकसित किया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। कोवैक्सिन दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये दोनों खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है।
भारत में किसी वैक्सीन को तभी मंज़ूरी मिलती है, जब तथ्यों के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ये फ़ैसला करता है कि वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित और असरदार है। मंज़ूरी के बाद भी वैक्सीन के असर पर नज़र रखी जाती है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि आगे इसका कोई दुष्प्रभाव या दीर्घकालिक जोखिम नहीं है। इसके बाद किन लोगों को पहले वैक्सीन दी जानी है, ये सरकारें तय करती हैं।
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