डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा में मंगलवार को ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से 4 घंटे में 26 मरीजों की जान चली गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि ये घटना किस वजह से हुई इसके सटीक कारण का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट से जांच होनी चाहिए। मंत्री ने बताया कि ये घटना सुबह 2 बजे से 6 बजे के बीच हुई।
राणे ने कहा कि सोमवार को मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता 1,200 जंबो सिलेंडर की थी जिसमें से केवल 400 की आपूर्ति की गई थी। उन्होंने कहा, अगर मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी है, तो उस खाई को कैसे पाटा जाए, इस बारे में चर्चा होनी चाहिए। राणे ने कहा कि गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोविड-19 उपचार की देखरेख के लिए राज्य सरकार ने नोडल अधिकारियों की जिस तीन सदस्यीय टीम को गठित किया है उसे मुख्यमंत्री को मुद्दों का इनपुट देना चाहिए।
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री ने एक पीपीई किट पहनी और गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में COVID-19 वार्डों का दौरा किया। यहां उन्होंने रोगियों और उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि 'मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और GMCH में COVID-19 वार्डों को इसकी आपूर्ति का गैप इस घटना का कारण हो सकता है।' उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वार्ड-वार तंत्र स्थापित करने की भी घोषणा की।
सावंत ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'डॉक्टर, जो मरीजों का इलाज करने में व्यस्त हैं, वे ऑक्सीजन जैसी लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में अपना समय नहीं दे सकते। मैं वार्ड वार तंत्र स्थापित करने के लिए तुरंत एक बैठक करूंगा ताकि मरीजों तक समय पर ऑक्सीजन पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन और सिलेंडर की कोई कमी नहीं है, लेकिन समस्या कभी-कभी पैदा होती है क्योंकि ये सिलेंडर समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचते हैं।
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