डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर कितनी भयावह हो सकती इसका अंदाजा आप इटली, फ्रांस, नीदरलैंड में हो रही मौतों से लगा सकते हैं। विश्व के कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर ने अपनी दस्तक दे दी है। जबकि, इन देशों में अधिकांश जनता को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है पर अब यह वायरस एशियाई देशों की तरफ़ बढ़ रहा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। हज़ारो की तादाद में लोग ऑक्सीजन, बेड और दवाइयों के लिए कतारों में खड़े है। हर रोज संक्रमितों एवं मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इस दौरान अगर तीसरी लहर भारत में आती हैं तो क्या भारत इस लहर को रोकने के उतनी मुस्तैदी दिखा पाएगा जितनी यूरोपियन देशों ने दिखाई।
दूसरे देशों का हाल
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार भारत को छोड़कर विश्व के कई देशों में तीसरी लहर ने अपनी दस्तक दे दी है या देनी वाली है।
जर्मनी
फरवरी के अंत में इस वायरस का कहर जर्मनी में शुरू हुआ था। फरवरी के अंत तक स्कूल, व्यापार, कॉलेज खोले जाने थे पर वायरस के नए स्टैन की वजह से वहां पर लॉकडाउन लगाने की जरुरत पड़ गई। जर्मनी में पहली दो वेब ने उतना कहर नहीं बरपाया था जितना तीसरी लहर ने बरपाया। वहां एक दिन में कुल 29 हज़ार लोगों की मौत हुई थी। इस वायरस का सबसे ज़्यादा असर युवा आबादी पर हुआ है।
इटली
इटली में तीसरी लहर के बचाव के लिए सरकार ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगवाने की कोशिश कर रही हैं। बता दें जनवरी में इटली में कुल 12 हज़ार मामले थे, जो अप्रैल में बढ़कर 20 हज़ार के पार पहुंच गए। इटली में 15 से 49 वर्ष के लोगों इस संक्रमण से ज़्यादा प्रभावित है।
फ्रांस
फ्रांस में पहले भी कोरोना वायरस ने अपना कहर ढाया था। उस वक्त भी सबसे ज़्यादा मौतें हुई थी और आज भी गुरुवार को फ्रांस में कुल 1 लाख लोगों की मौत हो गई है। वहीं, देश में तीसरा राष्ट्रीय लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान कॉलेज, स्कूल, व्यापार सभी पर पाबंदी होगी। देश में शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है।
नीदरलैंड
नीदरलैंड में कोरोना संक्रमण का दर 35 फीसदी बढ़ गया है, बुधवार को कुल 5 हज़ार मामले दर्ज़ किए गए है। जिसके कारण नीदरलैंड में लॉकडाउन बढ़ाया गया है। सरकार जहां 28 अप्रैल से लॉकडाउन हटाने की सोच रही थी। वहीं, बढ़ते संक्रमण के कारण उन्हें लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा।
क्यों आ सकती हैं तीसरी लहर
राघवन ने बताया कि जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उससे साफ़ है कि भारत में तीसरी लहर अपनी दस्तक देगी। उन्होंने आगे कहा कि पहले बार जब कोरोना वायरस आया था तब इतने वैरिएंट्स मौजूद नहीं थे। जितने दूसरी लहर में पाए गए। इसका साफ़- साफ़ मतलब है कि कोरोना के नए वैरिएंट्स तीसरी लहर का कारण बन सकते हैं। कोरोना की दूसरी लहर आने के पीछे एक बड़ी वजह है कि वायरस का रुप हर बार बदल रहा हैं।
लोगों पर इसका असर
राघवन ने आगे बताया कि पहली बार जब वायरस आया था तब लोगों की इम्यूनिटी बेहतर थी, जिसकी वजह से कम से कम लोग पर संक्रमण का असर हुआ।इस बार लोगों की इम्यूनिटी पहले के मुक़ाबले कमजोर हैं, इसीलिए पहले जो इस संक्रमण का शिकार हो गए थे। उन्हें भी संक्रमण ने दुबारा अपनी चपेट में लिया। कोरोना की दूसरी लहर के वापस आने का एक मुख्य कारण यहां के लोगों की कमजोर इम्यूनिटी और असावधानी है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आमजनता अभी भी लापरवाही करने से नहीं बचेंगी तो तीसरी लहर आ सकती है।
नए वैरिएंट्स ने कमर तोड़ी
भारत में पहली बार इस वायरस का असर इसलिए भी नहीं हो पाया था क्योंकि भारत में जिन लोगों को कोरोना हुआ था। उनमें इम्यूनिटी बिल्डअप हुई थी।वहीं, मास्क और दो गज की दूरी से लोगों की जान बची थी। राघवन ने बताया कि टीका, कोरोना के नए वैरिएंट्स के खिलाफ़ काफ़ी असरदार हैं।लेकिन, भारत समेत अलग- अलग देशों में नए वैरिएंट्स पाए जाएंगे, जो ज़्यादा संक्रमाक होंगे। भारत एवं अन्य देश इस वैरिएंट्स के खिलाफ़ कारगर टूल बनाने की कोशिश कर रहे है।
नया तरीका ढूंढेगा वायरस
भारत के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर के.विजय राघवन ने बताया कि भारत में जिस तरह से नए वैरिएंट्स मिल रहे है, उससे आने वाले वक्त में भारत तीसरी लहर का शिकार होगा। भारत के लोगों की गिरती इम्यूनिटी इस लहर का मुख्य कारण बनेगी। इस वायरस का असर इस बार सबसे ज़्यादा बच्चों पर होगा। राघवन ने बताया जब ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लग जाएगी। तब वायरस अलग तरीके से लोगों को अपनी चपेट में लेने की कोशिश करेगा। उन्होंने आगे कहा कि वायरस अपना रुप बदलता रहेगा। इसीलिए हमें भी अपनी रणनीति एवं पहलुओं पर ज़्यादा से ज़्यादा काम करना होगा। वायरस का कोई भी वैरिएंट हो वह ह्ममून टू ह्ममून फैलेगा। विश्व के सभी वैज्ञानिक इस वैरिएंट् को रोकने के लिए काम कर रहे है।
बच्चों को ज़्यादा खतरा
जहां पहली लहर ने ज़्यादा से ज़्यादा बुजुर्गों पर अपना कहर बरपाया था। वहीं, दूसरी लहर ने नौजवानों पर और अब तीसरी लहर 18 से कम उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेगी। WHO की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स B117 पहली बार ब्रिटेन में पाए गए थे। कई वैज्ञानिकों का माना हैं कि यह वैरिएंट बच्चों क लिए काफ़ी खतरनाक होंगे। माना जा रहा, कि यह मूल वायरस से 50 फीसदी ज़्यादा खतरनाक है,इसका संक्रमण दर बाकी वायरस के मुक़ाबले ज़्यादा तेजी से बढ़ेगा।
केंद्र सरकार तीसरी लहर के लिए रहे तैयार
आज सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अभी तीसरी लहर आना बाकी हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करें। सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि- एक सर्वे से यह बात साफ़ होती हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद हैं। केंद्र ने कहा, 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए आज 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई होनी है।' इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली को यदि जरूरत से ज्यादा सप्लाई की जाएगी तो अन्य राज्यों की हिस्सेदारी प्रभावित होगी। बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने चार मई को केंद्र सरकार से ऑक्सीजन प्लान मांगा था। जिसे लेकर केंद्र सरकार ने आज अपना पक्ष रखा है।
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