डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना अपने चरम पर है। लाखों की संख्या में लोगों ने अपने परिजनों को खोया हैं। इसमें वो पत्रकार भी मौजूद थे, जिन्होंने दिन-रात कोविड की रिपोर्टिंग की और बिना अपनी जान की परवाह किए लोगों तक पल-पल की ख़बरे पहुंचाई। इन पत्रकारों को कभी भी फ्रंट लाइन वर्कर नहीं माना गया। भारत में अभी तक कुल 300 पत्रकारों ने अपनी जान कोरोना से गंवाई है। यह सभी पत्रकार छोटे- बड़े शहरों या गांवो से आते हैं। जर्नलिस्ट Raju Narisetti के ने एक ट्वीट किया है। जिसके अनुसार भारत में अब तक कुल 300 पत्रकारों की मौत हो गई हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार
इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज के अनुसार अप्रैल 2020 से लेकर 16 मई 2021 तक कोरोना की वजह से कुल 238 पत्रकारों की मौत हो गई। यह आकंड़े भयावह हैं।

हर रोज चार पत्रकार दम तोड़ रहे है
रिपोर्ट बताती हैं कि कोरोना की पहली लहर अप्रैल से लेकर दिसंबर तक थी। इस दौरान 56 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई। पहली लहर के मुकाबले दुसरी लहर काफ़ी भयावह साबित हुई। 1 अप्रैल से लेकर 16 मई तक 171 पत्रकारों ने दम तोड़ दिया। शेष पत्रकारों का निधन जनवरी-अप्रैल की बीच में हुआ।

किन पत्रकारों को किया गया शामिल
इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की रिपोर्ट में उन सभी पत्रकारों को शामिल किया गया है। जो फील्ड या दफ्तरों में कार्यरत थे। इनमें रिपोर्टर से लेकर स्ट्रिंगर, फ्रीलांसर, फोटो जर्नलिस्ट और सिटिजन जर्नलिस्ट तक सभी शामिल हैं।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें ?

  • उत्तर प्रदेश- 37 
  • तेलंगाना- 39
  • दिल्ली-30 
  • महाराष्ट्र- 24
  • ओडिशा- 26 
  • मध्यप्रदेश - 19

किस उम्र में ज्यादा मौतें हुई
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का आसान शिकार 41 से 50 उम्र के लोग हुए। इनमें मौतों का आंकड़ा 31 फीसदी है। 
•    वहीं, 31 से 40 वर्ष के बीच में 15 फीसदी
•    51 से 60 के बीच में 19 फीसदी
•    61 से 70 के बीच में 24 फीसदी
•    71 साल से ऊपर आयु वालो में 9 फीसदी

प्रिंट मीडिया के पत्रकारों पर ज्यादा असर
कोरोना से मरने वाले पत्रकारों में सबसे ज्यादा प्रिंट मीडिया के पत्रकार हैं। इनका आंकड़ा 55 फीसदी हैं, वहीं टीवी और डिजिटल मीडिया में यह आंकड़ा 19 फीसदी हैं।

कहां से लिए गए आंकड़े
मीडिया रिपोर्टस की माने तो यह आंकड़े अलग- अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खबरों, पेपर से एकत्र किए गए हैं।

छोटे कस्बों में ज्यादा मौतें
इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की निर्देशक डॉ कोटा नीलिमा ने मीडिया को बताया कि 35 फीसदी पत्रकार मेट्रो शहर से है, जबकि 64 फीसदी नॉन- मेट्रो शहरों से आते हैं जैसे कि कस्बे, गांव, छोटे शहर।


 



.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
.
...
coronavirus kills more than 300 journalists in India journalist deaths in India
.
.
.


from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/33U4mjG
via IFTTT