डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाज़ारी से जुड़े मामले में साकेत कोर्ट ने गौरव खन्ना समेत 4 आरोपियों को जमानत दे दी है। गौरव खन्ना मैट्रिक्स सेलुलर के सीईओ है। चारों आरोपियों को 50 हज़ार के निजी मुचलके पर रिहा किया गया है। यह आदेश साकेत कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने पारित किया। आरोपी हितेश की जमानत याचिका पर कल फैसला सुनाया जाएगा। छापेमारी के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले मंगलवार को आरोपियों की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के रेट को रेगुलेट करने के लिए सरकार अगर खुद ही कोई नियम नहीं बना रही है, तो फिर आप बिजनेसमैन को कैसे टारगेट कर सकते हो? अगर बिजनेसमैन कुछ कमाने के लिए महामारी में कुछ कर रहा है तो वो अपराध की श्रेणी में कैसे आ सकता है? आप जबरन आतंक क्यों दिखाना चाहते हो, पुलिस क्या दिखाना चाहती है? 

बता दें कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी के मामले में दिल्ली के मशहूर खान चाचा रेस्टोरेंट के मालिक नवनीत कालरा का नाम सामने आने के बाद गगन दुग्गल का नाम सामने आया था। गगन दुग्गल लंदन में रहता है और नवनीत कालरा का पार्टनर है। गगन सिम कार्ड बनाने वाली कंपनी मैट्रिक्स सेलुलर का मालिक है। भारत में इस कंपनी का काम गौरव खन्ना देखता है। मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के नाम से 20 हजार रुपये प्रति पीस के हिसाब से चीन से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इम्पोर्ट किए गए थे।

नवनीत कालरा इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों को 50 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक ज़रूरतमंद और परेशान लोगों को बेचता था। इस बात का खुलासा होने के बाद दिल्ली पुलिस ने मैट्रिक्स सेलुलर सर्विस कंपनी के CEO गौरव खन्ना को गिरफ्तार कर लिया था। 47 वर्षीय गौरव की गिरफ्तारी गुरुग्राम से हुई थी। गौरव ही नवनीत कालरा के साथ कॉ-ऑरडीनेट करता था।



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Delhi Court grants bail to Matrix Cellular's Gaurav Khanna in case alleging black marketing of oxygen concentrators
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