डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में कोर्ट में 2 याचिकाएं दाखिल हुई हैं। एक याचिका बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने दाखिल की है। तो वहीं दूसरी याचिका सामाजिक संस्था कलेक्टिव इंडिक कलेक्टिव ने वकील जे साईं दीपक और सुविदत्त के जरिए दाखिल की है। इन याचिकाओं में घटना की सीबीआई जांच और तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है।
गौरव भाटिया ने अपनी याचिका में फेसबुक में वीडियो अपलोड करने के तुरंत बाद मारे गए अभिजीत सरकार समेत दूसरे लोगों का उदाहरण दिया है। भाटिया ने हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच की भी मांग की है। वहीं सामाजिक संस्था कलेक्टिव इंडिक कलेक्टिव ने याचिका में पश्चिम बंगाल की स्थिति को नियंत्रण से बाहर बताया है। याचिका में कहा गया है कि सत्ताधारी पार्टी के नेता हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। लोगों की जान जा रही है। महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो रहा है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई है। इसके अलावा स्थिति पर नियंत्रण के लिए तुरंत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को नियुक्ति की भी मांग की गई है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हिंसा शुरू हो गई है। नतीजे वाले दिन ही कोलकाता में BJP के दफ्तर में आग लगा दी गई थी। सोमवार को भी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या की खबर सामने आई। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले ममता बनर्जी की शह पर हो रहे हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है। बीजेपी ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ 5 मई को देशव्यापी धरना-प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया है।
पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई। इससे पहले राज्यपाल ने प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश दिए।
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