डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन के खिलाफ झूठे प्रचार पर रोक लगाए जाने की भी मांग आईएमए ने की है। आरोप लगाए गए हैं कि रामदेव की तरफ से कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए गए हैं। उन्होंने ऐलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की।
क्या कहा आईएमए ने?
आईएमए ने कहा कि एक वीडियो में बाबा रामदेव की तरफ से यह दावा किया गया है कि 10 हजार डॉक्टरों की कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद मौत हो चुकी है और लाखों लोगों की मौत एलौपेथिक मेडिसिन की वजह से हुई है। पतंजलि प्रोडक्ट्स के मालिक रामदेव के ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हम अस्पताल पहुंचने वाले लाखों मरीजों के ट्रीटमेंट में मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की ओर से जारी गाइडलाइन्स और प्रोटोकॉल का पालन करते हैं। अगर कोई इस बात का दावा करता है कि एलौपेथिक मेडिसिन से लोगों की मौत हुई है तो यह प्रयास मिनिस्ट्री को चुनौती देने का है जिन्होंने हमें ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल दिया है।
क्या कहा था बाबा रामदेव ने?
बता दें कि बाबा रामदेव के जिस वीडियो पर डॉक्टरों ने आपत्ति जताई है उसमें योग गुरु वायरस के खिलाफ फेफड़ों को मजबूत करने में योग अभ्यास के गुणों के बारे में सलाह देते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में एक लड़की कहती है कि उनके पिता के लंग्स का इंफेक्शन अनुलोम-विलोम करने से ठीक हो गया है। जिसके जवाब में बाबा रामदेव कहते हैं, ''अब बताइए...अगर आप अपने पिता को अस्पताल ले जातीं तो पता है ना वह कहां पहुंच जाते। अब मैं ऐसे बोल देता हूं तो बाबा क्यों बोलते हैं? अब बताओ 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर तो वैक्सीन की डबल डोज लेकर कोविड होकर मर गए। 10 हजार से ज्यादा।''
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