डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस की नई कोरोनावायरस वैक्सीन 'स्पुतनिक लाइट' को भारत में जल्द ही मंजूरी मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले महीने सरकार और रेगुलेटरी अथॉरिटी के बीच इस पर बात होगी। सिंगल डोल वाली इस वैक्सीन को रूस में 6 मई को इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली थी। स्पुतनिक लाइट की सफलता का प्रतिशत 80 फीसदी बताया जा रहा है।
स्पुतनिक लाइट को मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। स्पुतनिक लाइट को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि यह कोरोना वायरस के हर स्ट्रेन के खिलाफ कारगर है। इसका अलग-अलग म्यूटेंट पर टेस्ट किया गया है। इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद 10 दिन में 40 गुना तक एंटीबॉडी डेवलप होती है। अभी तक इस वैक्सीन के लगने के बाद किसी भी व्यक्ति में कोई सीरियस बीमारी या लक्षण भी पैदा नहीं हुए हैं।
कंपनी का कहना है कि वैक्सीन का सिंगल शॉट ही कारगर है। ऐसे में इससे कम वक्त में बड़ी जनसंख्या को टीका लगाया जा सकता है और संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। रूस, यूएई, घाना जैसे कई देशों में करीब 7,000 लोग इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल स्टडी में शामिल किए गए थे। दुनिया में अभी तक जो भी वैक्सीन आई हैं, उनमें से अधिकतर डबल डोज़ वैक्सीन ही हैं।
इससे पहले रूस की ही स्पुतनिक V वैक्सीन को भारत में अप्रूवल दिया गया था। दो डोज वाली यह वैक्सीन अगले हफ्ते से भारतीय बाजारों में मिलने लगेगी। इसके एक डोज की कीमत 995.40 रुपए तय की गई है। भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन का प्रोडक्शन हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर किया जा रहा है। वैक्सीन का सफलता प्रतिशत भी 91 फीसदी बताया जा रहा है। 60 देशों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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