डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को गुरुवार को सीतलकूची और दिनहाटा में काले झंडे दिखाए गए। उनकी गाड़ी का घेराव किया गया और गो बैक के नारे लगाए गए। हालांकि, पुलिस ने सड़क के दोनों ओर ह्यूमन चेन बना रखी थी ताकि कोई प्रदर्शनकारी सड़क पर नहीं आ सके। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर राज्यपाल ने घटना स्थल पर मौजूद एसडीपीओ (SDPO) और आईसी (IC) को फटकार लगाई। बता दें कि राज्यपाल चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने गए थे।

राज्यपाल ने कहा कि यह कानून के शासन का पतन है। मैं इसकी कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैंने लोगों की आंखों में पुलिस का खौफ देखा है, वे पुलिस के पास जाने से डरते हैं, उनके घर लूटे गए। मैं वास्तव में हैरान हूं, यह लोकतंत्र का विनाश है। उन्होंने कहा कि लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और जंगलों में रह रहे हैं। महिलाएं मुझसे कहती हैं कि वे (गुंडे) एक बार फिर वहां आएंगे।  बीजेपी सांसद निसिथ प्रमाणिक दौरे के दौरान धनखड़ के साथ थे। उन्होंने आरोप लगाया कि लूटपाट और हमले को तृणमूल समर्थक गुंड़ों ने अंजाम दिया है। 

इससे पहले राज्यपाल ने कूचबिहार पहुंचने के बाद कहा था, चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव था। कहीं कोई समस्या नहीं थी। केवल बंगाल में रक्तपात क्यों हुआ? जिन लोगों ने एक पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन नहीं दिया, उनके अधिकार कुचल डाले गए। उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। राज्यपाल ने राज्य में हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, यह सब तब शुरू हुआ, जब ममता ने कहा कि केंद्रीय बल हमेशा के लिए नहीं रहेंगे।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने राज्यपाल पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल चुनिंदा तरीके से कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के घर गए। उन्होंने दावा किया कि धनखड़ भाजपा की ओर से काम कर रहे हैं। अपने दौरे में बीजेपी के नेताओं को साथ लेकर जा रहे हैं। 



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Group of people block path of West Bengal Governor car in Dinhata, Cooch Behar
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