डिजिटल डेस्क, भोपाल। वैश्विक महामारी से लड़ने और संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार 1 जुलाई से किल कोरोना अभियान (Kill Corona Campaign) शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत राजधानी भेापाल से होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात जिलाधिकारी और संभागायुक्तों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कही।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, प्रदेश में 1 जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। यह अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाए जाएंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिए कार्य करेंगे।
सीएम श्री @ChouhanShivraj ने आज मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों और समस्त कलेक्टर्स एवं कमिश्नर्स के साथ वीसी द्वारा #COVID19 सहित प्रमुख विषयों को लेकर समीक्षा बैठक की।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) June 24, 2020
उन्होंने सभी कलेक्टर्स को ज़िलों में एक जुलाई से कोरोना वायरस नियंत्रण अभियान संचालित करने के निर्देश दिये। pic.twitter.com/ztgCLvhbkD
मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश के करीब 14 हजार महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी। प्रदेश को कोरोना के नियंत्रण में अन्य राज्यों की तुलना में सफलता भी मिली है। लेकिन सजगता का स्तर बना रहे और सभी आवश्यक उपायों को अपनाते रहें, यह बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा, कोरोना वायरस को समाप्त कर ही हमें चैन की सांस लेनी है। प्रदेश में अब डोर-टू-डोर विस्तृत सर्वे के माध्यम से संदिग्ध रोगी की शीघ्र पहचान और उपचार का कार्य अधिक आसान हो जाएगा। जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ ही सभी का सहयोग लेते हुए अभियान को गति दी जाए। वायरस के पूर्ण नियंत्रण की रणनीति के साथ कार्य करना है। प्रदेश में ग्रोथ रेट और एक्टिव केसों की संख्या कम है। मध्यप्रदेश 76़1 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ देश में दूसरे क्रम पर है। वायरस के फैलाव को रोकने में कामयाबी मिली है।
बताया गया है कि किल कोरोना अभियान में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल आवश्यक जानकारी जुटाएंगे। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। सर्दी-खांसी जुकाम के साथ ही डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिल सकेगा।
यह भी बतया गया कि सार्थक एप का उपयोग कर इन जानकारियों की प्रविष्टि की जाएगी। कुल दस हजार दल कार्य करेंगे। सर्वे दल लगभग दस लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा। राज्य की शत-प्रतिशत आबादी को इस सर्वे से कवर किया जाएगा।
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