डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के कोयला क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के केंद्र सरकार के कदम का शुक्रवार को विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे एक गलत संदेश जाएगा।
ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा है, कोयला में एमएनसी के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने से एक गलत संदेश जाएगा, क्योंकि यह आत्मनिर्भर भारत के विचार के बिल्कुल विपरीत होगा और यह आत्मनिर्भरता की नीति को भी खत्म कर देगा, जिसका शुरू से हम अनुसरण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कई कम विकसित और विकसित देशों में स्थानीय लोगों की तरफ से अपने संभावित शोषण के किसी भी प्रयास के खिलाफ लगातार प्रतिरोध हुए हैं। परिणामस्वरूप यह दीर्घकाल में घरेलू अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा असर डालेगा।
बनर्जी ने पत्र में कहा है, जहां तक बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा तापीय कोयला क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी लेकर आने का सवाल है तो इस बारे में यह बात कही जा सकती है कि प्रासंगिक प्रौद्योगिकियां इस सेक्टर में सार्वभौमिक रूप से उपलब्ध हैं और हमारी कंपनियां उनका व्यापक तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं।
उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की चार सहयोगी कंपनियों -भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) -के डेस्क कार्यालयों को कोलकाता से हटाकर अन्य इलाकों में उनके संबंधित मुख्यालयों में ले जाने के सीआईएल के निर्णय का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा, यह कोयल क्षेत्र के कर्मचारियों सहित सभी हितधारकों के हितों के लिए अत्यंत हानिकारक होगा।
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