पीलीभीत, 3 जून (आईएएनएस)। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) ने अपने खुद के पशु चिकित्सक, बायोलॉजिस्ट और सोशियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए मंजूरी की मांग की है, ताकि आगे आने वाले समय में उन्हें इन सेवाओं के लिए बाहर से किसी को न बुलाना पड़े।
एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी सूचना दी है।
पीटीआर के फील्ड डायरेक्टर एच राजमोहन ने कहा कि उन्होंने अनुबंध के आधार पर इन अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) की मंजूरी मांगी है।
उत्तर प्रदेश के किसी भी टाइगर रिजर्व और वन्यजीव अभयारण्यों में अपना खुद का पशु चिकित्सा अधिकारी नहीं है, जबकि यह राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा निर्देशित है। पीटीसीआर निदेशक ने कहा कि एनटीसीए को संविदा अधिकारियों को भुगतान करना चाहिए।
साल 2014 में स्थापित पीटीआर को हाल ही में उस वक्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जब ट्रेंकुलाइज किए जाने के कुछ ही देर बाद एक बाघ की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश में मौजूद टाइगर रिजर्व को आपातकालीन समय में अन्य चिड़ियाघरों, भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) जैसे गैर-सरकारी संगठनों या अन्य इकाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है।
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