डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर 8-किलोमीटर के क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अपना कब्जा जताने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। चीन ने अब इसे अपनी भूमि बताने के लिए यहां बड़ा साइनेज बनाया है। फिंगर-4 और फिंग -5 के बीच स्थित यह साइनेज 80 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा है जिसमें मेंडेरियन सिंबल और चीन का मैप है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि सैटेलाइट के जरिए ये आसानी से दिख सकें। चीन की इस हरकत से साफ है कि बैठकों के बावजूद पीछे हटने में उसकी बिल्कुल भी दिल्चस्पी नहीं है और वह इस इलाके पर पूरी तरह से अपना कब्जा जमाना चाहता है।
फिंगर 4 के करीब हेलीपैड का निर्माण कर रही चीनी सेना
इससे पहले खबर आई थी कि चीन पैंगोंग लेक के फिंगर फोर इलाके में हेलीपैड का निर्माण कर रहा है। इतना ही नहीं चीन ने इस इलाके में अपनी सैनिकों की संख्या भी बढ़ा दी है। एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, 'यह सही है कि चीनियों ने पैंगोंग त्सो लेक के उत्तरी किनारे पर अपनी स्थिति को मजबूत करना शुरू कर दिया है। एक हेलीपैड फिंगर फोर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। पिछले आठ हफ्तों में या उसके ज्यादा समय में चीन ने इस इलाके में जो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट किया है, ये उसके अतिरिक्त है।' अधिकारी ने कहा, 'चीनी सैनिक अब नियमित रूप से पेट्रोलिंग करते हुए लेक के किनारे फिंगर 3 तक आ रहे हैं। इस दौरान वे हमें फिंगर 2 पर वापस जाने के लिए लगातार कह रहे हैं।' एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि 'चीनी हमें बता रहे हैं कि उनका अप्रैल की यथास्थिति वापस लाने या बहाल करने का कोई इरादा नहीं है।
भारत की बॉर्डर पोस्ट फिंगर 3 और 4 के बीच
पैंगोंग लेक का पश्चिमी हिस्सा भारत में और पूर्वी छोर चीन में आता है। इस लेक की लंबाई 135 किलोमीटर है। इसमें से 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत के पास है जबकि 90 किलोमीटर का हिस्सा चीन के पास। इस लेक के उत्तर में जो पहाड़ है उसे आठ फिंगरों में मार्क किया गया है। फिंगर यानी पहाड़ का बाहर निकला हुआ हिस्सा। इंडियन आर्मी के मैप के अनुसार LAC फिंगर 8 से गुजरती है जबकि चीन कहता है कि LAC फिंगर 2 से गुजरती है। भारत की बॉर्डर पोस्ट फिंगर 3 और फिंगर 4 के बीच है और वह फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करता है। जबकि चीन की बॉर्डर पोस्ट फिंगर 8 पर है।
भारत को फिंगर 4 पर पेट्रोलिंग से रोका
5 और 6 मई 2020 को भारत और चीन के सैनिकों की धक्का-मुक्की की खबरें आई थी। इस धक्का-मुक्की की वजह थी चीन की सेना जो भारतीय सैनिकों को फिंगर 4 में पेट्रोलिंग से रोक रही थी। चीन ने आधिकारिक रूप से बयान दिया कि भारत चीन के इलाके में घुसपैठ कर रहा है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि फिंगर 4 तो भारत का ही इलाका है। इस विवाद को सुलझाने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। दोनों देशों में कुछ इलाकों से सेना को करीब 2 किलोमीटर तक पीछे हटाने की सहमति भी बनी थी, लेकिन चीनी सेना फिंगर फोर पर डट गई है और भारत को पेट्रोलिंग के लिए इससे आगे नहीं जाने दे रही।
चीन ने फिंगर 4 तक पक्की सड़क का निर्माण किया
1999 में, कारगिल युद्ध के दौरान जब भारत ने अपने सैनिकों को पैंगोंग लेक से हटा लिया था, तब चीन ने इसका फायदा उठाकर फिंगर 4 क्षेत्र तक पहुंचने के लिए एक कच्ची सड़क का निर्माण किया था। बाद में इसे पक्का कर दिया गया। चीनी सैनिक कई बार अपने वाहनों से इस इलाके में पेट्रोलिंग के लिए आ जाते थे, लेकिन कभी भी उन्होंने इस क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया था। लेकिन अब चीनी सेना ने ऊंचाइयों पर फिंगर 4-8 के बीच डिफेंस स्ट्रक्चर तैयार कर लिए हैं। भारत अप्रैल से पहले वाली स्थिति चाहता है। इसके लिए पैंगोंग सो में चीन को अपने कई स्ट्रक्चर और बंकर ढहाने होंगे, जिसमें वक्त लग सकता है।
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