डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर झड़प हुई है। करीब 75 दिन बार एक बार फिर चीन ने भारतीय सीमाओं में घुसपैठ की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक, पैंगोंग झील इलाके के पास दोनों देशों के सैनिक 29-30 अगस्त की रात को आमने-सामने आए। चीन ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसके भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया और चीन को मुंहतोड़ जवाब भी दिया। झड़प के बाद श्रीनगर-लेह मार्ग बंद कर दिया गया है।
India thwarts Chinese Army's attempt to transgress near southern bank of Pangong lake
— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2020
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वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने चीन की ओर से घुसपैठ की बात मानने से इनकार कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, बॉर्डर पर मौजूद चीनी सैनिकों ने LAC पार नहीं किया है, दोनों देशों के बीच इस मसले को लेकर बातचीत चल रही है।
भारतीय सेना द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है, 29-30 अगस्त की रात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पिछली आम सहमति का उल्लंघन किया और यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य घुसपैठ भी की। भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील के पास चीनी सैनिकों की गतिविधि को नाकाम कर दिया। साथ ही हमारी स्थिति मजबूत करने और चीनी इरादों को विफल करने के लिए भी उपाय किए। चीनी सैनिकों ने बातचीत से इतर जाकर मूवमेंट आगे बढ़ाया। फिलहाल भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर तैनाती और बढ़ा दी है।
Indian troops pre-empted this PLA activity on the Southern Bank of Pangong Tso Lake, undertook measures to strengthen our positions and thwart Chinese intentions to unilaterally change facts on ground: Col Aman Anand, PRO, Army https://t.co/oTQNAw5ebr
— ANI (@ANI) August 31, 2020
सरकार के बयान के अनुसार, चीनी सेना ने बॉर्डर पर यथास्थिति बदलने की एक और कोशिश की है। 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना हथियारों के साथ आगे बढ़ी। भारतीय सेना चीन की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए चीनी सेना को पीछे खदेड़ दिया। भारत ने झड़प वाली जगह पर अपनी पोजिशन मजबूत कर ली है। कर्नल अमन आनंद की ओर से जारी बयान में कहा गया, भारतीय सेना बातचीत के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ है। इन मुद्दों को हल करने के लिए चुशुल में दोनों देशों के बीच एक कमांडर स्तर की मीटिंग जारी है।
चीन ने अपनी वर्तमान सैन्य स्थिति से पीछे हटने से किया इनकार
वहीं, चीन ने पैंगोंग झील के उत्तर में अपनी वर्तमान सैन्य स्थिति से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। साथ ही पैंगॉन्ग में चीन ने फिंगर 5 और 8 के बीच अपनी स्थिति को मजबूत किया है। जबकि पीएलए मई के शुरुआत से ही फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के कब्जे वाले 8 किलोमीटर के क्षेत्र में पीछे हटने से इनकार कर चुका है। जबकि भारत ने चीन से कहा है कि, वह पैंगोंग से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटा ले।
पिछले चार महीनों से जारी है गतिरोध
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगभग चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों की बाचतीच के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली और अब भी यहां गतिरोध जारी है। भारत को यह भी पता चला है कि, चीनी पक्ष ने एलएसी- पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और ऑर्मर का निर्माण शुरू कर दिया है।
चीन ने एलएसी पर कई स्थानों पर स्थिति बदली
इतना ही नहीं चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के पास भी अपने सैनिक इकट्ठे कर लिए हैं, जो कि भारत, नेपाल और चीन के बीच कालापानी घाटी में स्थित है। भारत ने चीन से पैंगोंग झील और गोगरा से सेनाएं हटाने का आग्रह किया था, जो उसने अब तक नहीं माना है। चीनी सैनिक डेपसांग में भी मौजूद हैं। चीन ने एलएसी पर कई स्थानों पर स्थिति बदली है और वह भारतीय क्षेत्र के अंदर की ओर बढ़ रहा है। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है और इस मामले को सभी स्तरों पर उठा रहा है।
15 जून को गलवान घाटी में हुई थी हिंसक झड़प
बात दें कि इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन ने अपने हताहतों की संख्या नहीं बताई थी। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर और विशेष रूप से गलवान घाटी में 5 मई से ही चढ़ाई करनी शुरू कर दी थी। 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीन बॉर्डर पर यह दूसरी सबसे बड़ी घटना है। हालांकि अभी तक सभी जवान सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
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