डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीनी वायु सेना ने आक्रामक रुख अपनाते हुए पूर्वी लद्दाख सेक्टर के करीब मिसाइलों और राडार की भारी तैनाती की है। यर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने मंगलवार को ये जानकारी दी। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भारत ने स्थिति को संभालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। वायुसेना प्रमुख भदौरिया विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की ओर से आयोजित 'राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां और वायु शक्ति' विषय पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा, चीन ने अपनी सेना के समर्थन में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारी तैनाती की है। उनके पास रडार, सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल और सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल की बड़ी मौजूदगी है। चीनी वायु सेना ने अपने स्वदेशी फाइटर जेट्स को J-20 और J-10 सहित, तिब्बत में भारतीय क्षेत्र के पास रूसी मूल के SU-30 की तैनाती की है। उन्होंने रूस से प्राप्त S-400 सहित अपने एयर डिफेंस सिस्टम को भी एक्टिव कर दिया है।
भारतीय वायु सेना ने भी लद्दाख सेक्टर में राफेल और मिग-29 सहित फ्रंटलाइन फाइटर्स को तैनात किया है। ये फाइटर प्लेन चीनी पक्ष के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार है। IAF प्रमुख ने कहा, हमने सभी आवश्यक कार्रवाई की है। भदौरिया ने कहा कि ग्लोबल जियोपॉलिटिकल फ्रंट पर बढ़ती अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया है और अप्रत्यक्ष रूप से यह वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि कोई भी गंभीर भारत-चीन संघर्ष ग्लोबल फ्रंट पर चीन के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा, यदि चीनी आकांक्षाएं वैश्विक हैं, तो यह उनके ग्रेंड प्लान को सूट नहीं करता है। चीन के नॉर्थ में एक्शन के उद्देश्य क्या हो सकते हैं? यह महत्वपूर्ण है कि हम पहचानें कि उन्होंने वास्तव में क्या हासिल किया है।
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