डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर डटे किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत बुधवार को होनी है। किसानों से बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सुत्रों के मुताबिक करीब दो घंटे चली इस बैठक में बुधवार की मीटिंग में सरकार की पोजिशन को फाइनेलाइज किया। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में किसानों ने सरकार को अपना एजेंडा याद दिलाया।
बता दें कि पिछले हफ्ते की शुरुआत में, सरकार ने किसानों को एक पत्र भेजा था और उनसे बातचीत के अगले दौर के लिए एक तारीख और समय का प्रस्ताव देने का आग्रह किया था। पत्र में, कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसानों से पूछा उन सभी अन्य मुद्दों का विवरण प्रदान करें, जिन पर वे चर्चा करना चाहते हैं। सरकार के इस निमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए, किसानों ने कहा कि वे हमेशा खुले दिल से विचार-विमर्श करने के लिए तैयार हैं और बैठक के लिए चार सूत्रीय एजेंडा रखा था।
1. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो।
2. मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे।
3. कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए।
4. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।
नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। अब तक किसान संगठनों और सरकार के बीच 6 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है। किसान चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, जबकि सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है। सरकार का कहना है कि इन कानूनों के जिन-जिन बिंदुओं पर किसानों को आपत्ति है वह उसमे संशोधन को पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में किसानों ने सरकार के साथ अगली बैठक 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे प्रस्तावित की है।
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