डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर किसानों की केंद्र के साथ 4 जनवरी को मीटिंग होना है। इस मीटिंग से पहले स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है। 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है। एमएसपी (MSP) को कानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है।'
योगेंद्र यादव ने कहा, 4जनवरी को हमारी वार्ता है। अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को केएमपी (KMP) राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा। 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता सकारात्मक रही थी। इस बैठक में बिजली और पराली के मुद्दे पर पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी थी। अब नए साल में चार जनवरी को अगले दौर की वार्ता होगी, जिसमें बाकी एमएसपी और कानून वापस लेने को लेकर समाधान तलाशने पर चर्चा होगी।
उधर, बैठक से पहले किसानों ने भी चेतावनी दी है कि अगर बातचीत सही दिशा में नहीं गई और सरकार ने किसानों के पक्ष में कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो हरियाणा में मॉल और पेट्रोल पंप बंद किए जाएंगे। इतना ही नहीं 6 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बैठे किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
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