डिजिटल डेस्क, पीलीभीत। कोरोना वायरस की वैक्सीन आने से पहले साइबर क्राइम करने वाले अपराधी सक्रिय हो गए हैं। ये अपराधी इन डार्क वेबसाइट पर घर बैठे वैक्सीन पाने के लिए पंजीकरण कराने का झांसा दे रहे हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी कोराना वैक्सीन बाजार में आई ही नही हैं, फिर भी वैक्सीन मुहैया कराए जाने की तय तारीख बताई जा रही है। बता दें कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना वैक्सीन पहले और दूसरे चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को लगाई जाएगी।

कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर वैक्सीन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं लोगों की निगाहें भी कोरोना वैक्सीन पर ही टिकी हुई हैं। देश में कोरोना वैक्सीन को चार चरणों में लगाने का फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पहले और दूसरे चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा। विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों का डाटा तैयार कर कोविड पोटल पर अपलोड किया जा चुका है। इन सबके बीच फर्जीवाड़ा करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं।

सोशल प्लेटफॉर्म पर लोगों को घर बैठे ही वैक्सीन मुहैया कराने का दे रहे झांसा
बताते हैं कि डार्क वेबसाइटों के जरिए फर्जीवाड़ा करने वाले सक्रिय हो रहे हैं। ये साइबर अपराधी सोशल प्लेटफॉर्म पर लोगों को घर बैठे ही वैक्सीन मुहैया कराने का झांसा दे रहे हैं और इसके एवज में ऑनलाइन भुगतान करने की बात कही जा रही है। इन वेबसाइट पर वैक्सीन डिलीवरी की तारीख भी आर्डर बुकिंग के दौरान दर्शाई जा रही है। हालांकि जिले में अब तक किसी के साथ फर्जीवाड़ा होने की शिकायत नहीं मिली है, मगर लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर ऐसी वेबसाइटों के विज्ञापन दिखने की बात जरूर कह रहे हैं।

ये होती है डार्क वेबसाइट
साइबर लॉ के एक्सपर्ट सचिन सक्सेना के मुताबिक डार्क वेबसाइट को आसानी से सर्च नहीं किया जा सकता। ये वेबसाइट्स गूगल जैसे सर्च इंजनों के अलावा सामान्य ब्राउजिंग की पहुंच से दूर होती हैं। वजह ये है कि इन साइट्स के आईपी एड्रेस को जानबूझकर छिपा दिया जाता है। इनका अपना अलग नेटवर्क होता है, जिसे डार्क या डीप नेट कहा जाता है। इन साइट्स का अधिकतर उपयोग इंटरनेट पर फ्रॉड करने के लिए ही किया जाता है।

अब तक कही भी कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ हैै। पहले और दूसरे चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। फिलहाल ऐसी कोई भी वेबसाइट की जानकारी नहीं मिली है। लोगों को स्वयं ही जागरूक रहना चाहिए। - डॉ. सीएम चर्तुवेदी, एसीएमओ
 



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Cheating in the name of Corona virus vaccine
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