डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला देगा। सुबह 10.30 बजे जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच तय करेगी कि इस प्रोजेक्ट पर आगे काम होगा या नहीं। सेंट्रेल विस्ट प्रोजेक्ट के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं में कहा गया है कि बिना उचित कानून पारित किए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया। इसके लिए पर्यावरण मंजूरी लेने की प्रक्रिया में भी कमियां हैं। ये भी दावा किया जा रहा है कि संसद और उसके आसपास की ऐतिहासिक इमारतों को इस प्रोजेक्ट से नुकसान पहुंच सकता है।
वहीं सरकार का तर्क है कि मौजूदा संसद भवन और मंत्रालय बदलती जरूरतों के हिसाब से अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि नए सेंट्रल विस्टा का निर्माण करते हुए न सिर्फ पर्यावरण का ध्यान रखा जाएगा, बल्कि हेरिटेज इमारतों को नुकसान भी नहीं पहुंचाया जाएगा। याचिकाकर्ताओं की इस प्रोजेक्ट को धन की बर्बादी बताने पर सरकार वकील ने जिरह के दौरान यह भी कहा था कि इस समय सभी मंत्रालय कई इमारतों में बिखरे हुए हैं। एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय जाने के लिए अधिकारियों को वाहन का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस पर हर साल सरकार के करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। यह कहना गलत है कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण में सरकारी धन की बर्बादी हो रही है। बल्कि अब तक होती आ रही धन की बर्बादी को रोकने के लिए यह प्रोजेक्ट बहुत जरूरी है।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा राजपथ के दोनों तरफ के इलाके को कहते हैं। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के करीब प्रिंसेस पार्क का इलाका इसके अंतर्गत आता है। सेंट्रल विस्टा के तहत राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति का घर आता है। इसके अलावा नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA), उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं। सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के इस पूरे इलाके को रेनोवेट करने की योजना को कहा जाता है।
पिछले महीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है।
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