सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोगों और किसानों के बीच पथराव, SHO को तलवार लगी, हरियाणा के खेड़ा बॉर्डर पर तनाव बढ़ा, 17 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े किसानों का अांदोलन 26 जनवरी के बाद से हिंसक होता जा रहा है। शुक्रवार को दोपहर करीब एक बजे सिंघु बार्डर पर बवाल हो गया। यहां स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प हो गई। यही नहीं इस दौरान बीच-बचाव कराने पहुंची पुलिस के SHO को तलवार लग गई। इस बवाल के बाद हरियाणा सरकार ने 17 जिलों में 30 जनवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है।  

जानकारी के अनुसार नरेला की ओर से आए स्थानीय लोग धरना स्थल पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली कराने की मांग करने लगे। करीब 1.45 बजे जब ये लोग किसानों के टेंट के पास पहुंचे तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई। इस दौरान दोनों ओर से पथराव भी हुआ। स्थिति को देखते हुए बीच-बचाव करने पहुंची पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस झड़प में 5 पुलिसवाले घायल हो गए। अलीपुर थाने के SHO प्रदीप पालीवाल भी तलवार से हुए हमले में जख्मी हो गए। 

17 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद
बवाल के बाद हरियाणा सरकार ने एहतियातन 17 जिलों में 30 जनवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इस दौरान केवल कॉलिंग सर्विसेज जारी रहेंगी। इन जिलों में अंबाला, यमुना नगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा शामिल हैं। सोनीपत, पलवल व झज्जर में पहले ही इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है।

खेड़ा बॉर्डर पर 42 गांवों के ग्रामीणों की 30 जनवरी को महापंचायत होगी
रेवाड़ी के खेड़ा बॉर्डर पर पेट्रोल पंप संचालकों और कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने आंदोलनकारी किसानों को शुक्रवार दोपहर 12 बजे हाईवे खाली करने की चेतावनी दी थी। वहीं आंदोलनकारी किसानों ने विरोध करने वाले पेट्रोल पंप संचालकों की लिस्ट तैयार कर उनसे पेट्रोल नहीं भरवाने का फरमान जारी कर दिया है। इसके अलावा आंदोलनकारी किसानों को बावल के किसानों का साथ मिल गया है। स्थानीय किसान धरने पर जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं। अब इस मुद्दे पर खेड़ा बॉर्डर पर 42 गांवों के ग्रामीणों की 30 जनवरी को महापंचायत होगी।

टीकरी बॉर्डर पर भी किसानों के खिलाफ प्रदर्शन
किसान आंदोलन के दूसरे अहम पॉइंट टीकरी बॉर्डर पर भी कुछ लोगों ने किसानों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बॉर्डर खाली करने की मांग की। वे 26 जनवरी को लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना का विरोध कर रहे थे। उनके हाथों में बैनर थे, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। हालांकि, वहां कोई उपद्रव नहीं हुआ। अभी स्थिति सामान्य है, लेकिन एहतियात के तौर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग और मजबूत कर दी है।

मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत जारी
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी। इसके चलते गुरुवार को लगा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए। लेकिन, देर रात भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। इसी सिलसिले में मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत चल रही है।



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Farmer Protest: Tension rises at Kheda border in Haryana, internet service stopped in 17 districts
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