डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट भाषण में स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान किया। इसके तहत हर गाड़ी के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जरूरी होगा। सरकार ने ऐलान किया है कि वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी जल्द लॉन्च होगी। नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के प्रस्ताव में 20 साल पुराने निजी वाहन और 15 साल पुराने commerical वाहन को स्क्रैप करने की बात कही गई है। संबंधित मंत्रालय बाकी जानकारी इस विषय में देगा।
इसका सीधा असर मध्यम और निम्न वर्ग पर पड़ेगा, क्योंकि अगर वाहन पुराने होंगे जाएंगे तो उन्हें स्क्रैप किया जाएगा। सरकार ने वायू प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया है। एयर क्लीन के लिए भी 5 साल में 2000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बजट में सरकार ने ऐलान किया कि ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। पर्सनल व्हीकल को 20 साल बाद और कमर्शियल वाहनों को 15 साल बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा। यहां इन्हें स्क्रैप किया जाएगा। सरकार मानना है कि इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे। सरकार ने 2030 तक देश को पूरी तरह से ई-मोबिलिटी पर शिफ्ट करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसका मकसद देश के कच्चा तेल आयात बिल को कम करना है।
1 अप्रैल से होगी लागू नई पॉलिसी
सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी को जल्द ही अधिसूचित कर दिया जाएगा और इसे 1 अप्रैल, 2022 से लागू किया जाएगा। वहीं सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक बयान में कहा कि मंत्री महोदय ने सरकारी विभागों और पीएसयू के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के डीरजिस्ट्रेशन और स्क्रैपिंग की नीति को अपनी मंजूरी दे दी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए 26 जुलाई, 2019 को मोटर व्हीकल कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया था।
नई स्क्रैप पॉलिसी के फायदे
- नई वाहन कबाड़ नीति के आने से भारत में वायु प्रदूषण के स्तर में काफी हद तक कमी आएगी।
- साथ ही इसे देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी फायदा होगा, क्योंकि नए वाहनों की मांग बढ़ेगी।
- सरकार लगातार वाहनों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए सुरक्षा मानक लागू कर रही है, इस नीति से पुराने असुरक्षित वाहन सड़कों से हटेंगे।
- नए सुरक्षा मानक वाले वाहनों से सड़क पर आने से यात्रा सुरक्षित बनेगी।
- स्क्रैपिंग पॉलिसी की वजह से नई गाडियां आएंगी और नए वाहन ज्यादा माइलेज देंगे। वहीं पुराने वाहनों के बदले ई-वाहनों की खपत भी बढ़ेगी। इससे केंद्र सरकार के पेट्रोलियम आयात बिल में कमी आने की संंभावना है जो राजकोषीय स्थिति को बेहतर बनाएगा।
- सड़क परिवहन मंत्रालय का अनुमान है कि स्क्रैप पॉलिसी से रिसाइकल कच्चा माल उपलब्ध होगा। इससे वाहनों की लागत में 30 प्रतिशत तक की कमी आने की भी संभावना है। इसके अलावा बजट में स्टील पर उत्पाद शुल्क (कस्टम ड्यूटी) भी कम किया गया है। इससे वाहनों की कीमत में और कमी आने की भी संभावना है।
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