डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रीलांस जर्नलिस्ट मनदीप पुनिया को मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी। 25000 रुपए के बॉन्ड पर उन्हें जमानत दी गई है। पुनिया को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। पुनिया पर पुलिस को उनकी ड्यूटी करने में बाधा डालने और सिंघू सीमा पर पुलिस कर्मियों को चोट पहुंचाने का आरोप लगा है।
आदेश में, चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (रोहिणी कोर्ट) सतवीर सिंह लांबा ने कहा, मामले में शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह भी पुलिस ही है। ऐसे में इसकी कोई संभावना नहीं है कि आरोपी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी को जब पूछताछ की जरूरत होगी, तो आरोपी को उसमें शामिल होना होगा इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मनदीप पर IPC की धारा 186 (सरकारी काम में बाधा पहुंचाना) IPC की धारा 353 (सरकारी अधिकारी पर हमला करना) IPC की धारा 332 (लोकसेवक को चोट पहुंचना) और IPC की धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मनदीप को जिस वक्त गिरफ्तार किया गया था तब वो The Caravan मैगजीन के लिए फ्रीलांस जर्नलिस्ट के तौर पर सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन कवर कर रहे थे।
इससे पहले पुनिया के साथ दूसरे पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को भी हिरासत में लिया था, लेकिन पुलिस ने धर्मेंद्र को रविवार की सुबह करीब 5.30 बजे छोड़ दिया। जबकि पुनिया के खिलाफ आरोप दर्ज कर लिया। पुनिया को हिरासत में लेने का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिस के जवान उसे घेरे हुए हैं और कहीं लेकर जा रहे हैं।
हिरासत में लिए जाने से कुछ घंटे पहले पुनिया ने सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा के संबंध में फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शेयर किया था। इसमें उन्होंने कहा था कैसे खुद को स्थानीय होने का दावा करने वाली भीड़ ने आंदोलनस्थल पर पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया था।
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