डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले में छात्रा निकिता तोमर की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो आरोपियों तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया है। वहीं हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार तौसीफ को उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया है। केस की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई थी और बुधवार को कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा का ऐलान शुक्रवार, 26 मार्च को किया जाएगा।
बता दें कि 26 अक्टूबर 2020 को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या की गई थी। 1 अक्टूबर को इस मामले का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुआ था। मामले में तीन चश्मदीद गवाह भी थे। सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद था। इस हत्याकांड में पीड़ित पक्ष की ओर से 55 लोगों की गवाही कराई गई थी, जबकि बचाव पक्ष की ओर से महज दो की गवाही हुई।
3 महीने 22 दिन बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू हुई। 1 दिसंबर को पहली गवाही कराई गई, जिसमें घटना के चश्मदीद निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए। बचाव पक्ष की ओर से 55 लोगों ने गवाही दी जिसमें परिवार के सदस्यों, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए। बचाव पक्ष ने दो दिन में अपने गवाह पेश किए और गवाहों के बयान दर्ज कराए। मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से गवाही पूरी हो गई।
पुलिस ने कोर्ट के सामने रखे थे ये सबूत
- पुलिस ने इस हत्याकांड में 55 गवाहों को कोर्ट के सामने पेश किया था। सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर पेश किया गया, जिसमें आरोपी तौसीफ निकिता से झगड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा था, उसके बाद गोली मारता दिखाई दिया था।
- जिस कार में बैठकर तौसीफ और रेहान मौका-ए-वारदात पर पहुंचे थे। उस कार में तौसीफ का बाल मिला था और रेहान का कार के शीशे में फिंगरप्रिंट मिला था। ये सांटिफिक एविडेंस भी कोर्ट में रखे गए थे।
- पुलिस ने कोर्ट के सामने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी सामने रखे थे, जिसने वारदात होते हुए देखा।
- तौसीफ जिसने निकिता तोमर को गोली मारी थी, उसका कबूलनामा और तौसीफ के साथ जो मौजूद था आरोपी रेहान उसका कबूलनामा भी अदालत में बहस के दौरान पेश किया गया था।
- तौसीफ को हथियार देने वाले अजरुद्दीन का बयान भी कोर्ट में पेश किया गया था, पुलिस ने कई टेक्निकल और सांटिफिक सबूत भी कोर्ट में बहस के दौरान पेश किए थे।
ये है पूरा मामला
हरियाणा के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली निकिता तोमर अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल इयर की छात्रा थी। 26 अक्टूबर 2020 की शाम करीब पौने 4 बजे जब वह परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो आरोपी तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर कार में उसे अगवा करने की कोशिश की। निकिता के विरोध करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। अस्पताल में इलाज के दौरान निकिता की मौत हो गई थी। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार किया। तीसरे आरोपी अजरुद्दीन ने तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराया था।
2018 में अपहरण भी किया था
रोजका मेव निवासी तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था। वह उस पर दोस्ती करने के लिए दबाव डालता था। आरोपी ने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था। निकिता के परिजनों ने FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन उसके परिवार वाले हाथ-पैर जोड़ने लगे तो निकिता के परिवार ने मामला वापस लेते हुए समझौता कर लिया। इसके बाद भी तौसीफ ने निकिता को परेशान करना नहीं छोड़ा। वह अब उस पर शादी करने का दबाव बना रहा था। इसीलिए उसने निकिता का दोबारा अपहरण करने की कोशिश की, लेकिन इस बार निकिता की जान चली गई।
राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंध रखता है तौसीफ
मुख्य आरोपी तौसीफ राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंध रखता है। तौसीफ के दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं। तौसीफ का चचेरा भाई आफताब अहमद मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक है। आफताब अहमद के पिता खुर्शीद अहमद, हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके हैं। तौसीफ के सगे चाचा जावेद अहमद इस बार सोहना विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए। 21 वर्षीय तौसीफ फिजियोथेरेपिस्ट का कोर्स कर रहा है। वारदात में शामिल दूसरा आरोपी रेहान निवासी रेवासन जिला नूंह का रहने वाला है और वह तौसीफ का दोस्त है।
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