डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान 'यास' बुधवार तक बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तबदील हो सकता है। इसके दोपहर के आसपास बालासोर के पास लैंडफॉल की उम्मीद है। ऐसे में ओडिशा और पश्चिम बंगाल में संवेदनशील इलाकों से 11 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है की चक्रवाती तूफान अगले कुछ घंटों में 'बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदल जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान 'यास' का प्रभाव बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों पर भी पड़ेगा।
चक्रवात के मद्देनजर सोमवार से गुरुवार तक कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) अलर्ट पर है और उसने अपनी बचाव टीमों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में स्थित देश के प्रमुख मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट बंद ना हो। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सुबह से ही सचिवालय पहुंच गई थी। तेज हवाओं की संभावना को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि रात 12 बजे से बुधवार दोपहर तक आपातकालीन कार्यों में लगे वाहनों को छोड़कर सभी वाहनों को बालासोर से चांडीकोल की ओर जाने पर रोक लगा दी जाएगी।
सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता ने कहा कि अब तक दो घटनाएं घटी हैं। एक हलीशहर में जहां पर 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दूसरी चिनसुराह में जहां पर भी कई घर के डैमेज होने की खबर है। पंडुआ में बिजली से दो लोगों की जान चली गई है। ममता बनर्जी ने कहा, बुधवार सुबह से दोपहर तक लैंडफॉल की घटना घट सकती है। इसलिए लोगों से अपील है कि इस समय लोग घरों से बाहर ना निकलें। ममता ने कहा, अभी तक नौ लाख लोगों को फ्लड रिलीफ सेंटर और स्कूलों तक पहुंचाया गया है। म्यूनिसपैलिटी, ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर लगातार 24x7 मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा वो मुख्य सचिव, गृह सचिव और जिलाधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में है।
ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कई जिलों के डीएम से बात की है। हमलोग मंगलवार रात राज्य सचिवालय में होंगे। कल हमलोग इसके प्रभाव को लेकर चर्चा करेंगे। आज रात से या बुधवार सुबह से भारी बारिश होगी। पुर्णिमा के दौरान यानी कि आज हाई टाइड देखे जा सकते हैं। यह चिंता का विषय है। गंगा का पानी कोलकाता में घुसेगा। बाढ़ जैसे हालात पर नजर बनाए रखे हैं। उन्होंने कहा कि दो लाख पुलिस और होम गार्ड्स सिचुएशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जबकि तीन लाख लोगों को राहत आदि काम के लिए तैयार रखा गया है। इसमें एनडीआरएफ, बीडीओ, एसडीओ, डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं। अगर जरूरत हुई तो सेना से भी मदद ली जाएगी।
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