डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने पर मंगलवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप आंखें मूंद सकते हैं, लेकिन हम नहीं। यह एक भावनात्मक मामला है, जब लोग मर रहे हैं। यह लोगों के जीवन और स्वतंत्रता की बात है।'

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि आज पूरा देश ऑक्सीजन के लिए रो रहा है। अगर आप से ऑक्सीजन आपूर्ति का सही प्रबंधन नहीं हो रहा है तो आप आईआईटी और आईआईएम को क्यों नहीं जिम्मेदारी सौंपते हैं। अगर आप ऑक्सीजन टैंकरों का प्रबंधन आईआईटी या आईआईएम को सौंपते हैं तो आप से ज्यादा बेहतर काम करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आपको 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति दिल्ली को करने के लिए कहा है। यदि आप आपूर्ति नहीं करते हैं तो यह कोर्ट की अवमानना होगी। अब, यह आपका काम है।

हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों नाकाम क्यों हैं? क्या किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता ने लोगों से अपील की कि अगर जरूरत ना हो तो अपने ऑक्सीजन सिलेंडर लौटा दें। एमिकस क्यूरी राजशेखर राव ने कोर्ट से कहा कि शहर के लोगों को यह बताना होगा कि वे घरों में सिलेंडर नहीं रख सकते हैं। साथ ही हमें अपील करनी होगी कि वे सिलेंडर की जमाखोरी न करें। हाईकोर्ट ने एक बैंक बनाने का सुझाव दिया, जिसमें लोग स्वेच्छा से सिलेंडर जमा कर देंगे।



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We can’t be blind when people are dying says Delhi HC to Centre
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