राजस्थान सरकार सहयोग करती तो आगे नहीं बढ़ पाती टिड्डियां : कैलाश चौधरी (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि राजस्थान की सरकार अगर सहयोग करती तो टिड्डियां प्रदेश से आगे नहीं बढ़ पातीं बल्कि उन्हें वहीं खत्म कर दिया गया होता।

उन्होंने कहा कि टिड्डियों का प्रभावी नियंत्रण सीमावर्ती इलाके में ही हो सकता है और राजस्थान सरकार अगर सहयोग करती तो यह काम ज्यादा कारगर तरीके से हो पाता।

कैलाश चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि टिड्डी नियंत्रण के लिए भारत सरकार की तरफ से आर्थिक सहयोग मिलने के बावजूद राजस्थान सरकार ने इस दिशा में सक्रियता नहीं दिखाईए जिसके चलते सीमावर्ती इलाके में टिड्डियों का प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को टिड्डी नियंत्रण के लिए 14 करोड़ रुपये दिए, लेकिन प्रदेश सरकार ने पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डी दलों के नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने में सहयोग नहीं किया।

कैलाश चौधरी ने कहा कि सीमावर्ती इलाके बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर में जितने मशीनयुक्त ट्रैक्टर वाहन व अन्य उपकरण की जरूरत थी प्रदेश सरकार ने उतनी व्यवस्था नहीं की।

कोरोना महामारी के मौजूदा संकट की घड़ी में टिड्डियां एक नई आफत बनकर आई हैं जो देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के 10 राज्यों के करीब 90 जिलों तक तक पहुंच चुकी हैं और खरीफ फसलों के लिए खतरा बनकर मंडरा रही हैं।

आईएएनएस ने केंद्रीय मंत्री से पूछा कि क्या टिड्डियों से निपटने सरकार अक्षम साबित हो रही है। इस पर कैलाश चौधरी ने कहा कि ऐसा नहीं है टिड्डी नियंत्रण अभियान तेज हो गया है राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों में भी प्रभावी नियंत्रंण की कोशिशें जारी हैं।

उन्होंने कहा कि टिड्डियों को मारने के लिए इस समय माइक्रोनेयर स्प्रेयर जैसे हाइटेक मशीनों के साथ-साथ हवाई छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है और जल्द ही हेलीकॉप्टर से छिड़काव शुरू होगा जिससे ज्यादा कारगर तरीके से टिड्डी नियंत्रण हो पाएगा।

इसके लिए यूएलवी नोजल युक्त एक हेलीकॉप्टर तैयार किया गया है। चौधरी ने बताया कि एक जुलाई से हेलीकॉप्टर केमिकल्स का छिड़काव शुरू होने के बाद टिड्डियों कों सीमावर्ती इलाके में ही नष्ट कर दिया जाएगा ताकि वे आगे नहीं बढ़ पाए।

उन्होंने कहा कि माइक्रोनेयर की तर्ज पर देसी तकनीक से स्प्रेयर मशीन विकसित की गई है जिसका परीक्षण सफल रहा हैए इसलिए अब टिड्डी नियंत्रण के लिए विदेशों से उपकरण मंगाने की जरूरत नहीं होगी।

भारत ने बहरहाल 60 माइक्रोनेयर स्प्रेयर मशीनें यूके से खरीदी हैं जिनमें से 15 मशीनें आ चुकी हैं और बाकी अगले महीने आने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आबादी वाले इलाके में टिड्डियों पर नियंत्रण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और केंद्र की ओर से इसके लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश के आठ जिलों के 90 जिलों में 26 जून तक 1033 जगहों पर 1,27,225 हेक्टेयर में टिड्डियों पर नियंत्रण अभियान चलाया गया।

इन 90 जिलों में राजस्थान के 27, मध्यप्रदेश के 40, गुजरात के पांच, पंजाब का एक, उत्तर प्रदेश के 10, महाराष्ट्र के चार, छत्तीसगढ़ का एक जिला और बिहार के दो जिले शामिल हैं।

इसके अलावा, हरियाणा के गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर, फरीबाद और पलवल समेत देश की राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में भी शनिवार को टिड्डी दल सक्रिय थे।



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Locusts could not progress further if Rajasthan government cooperates: Kailash Chaudhary (IANS Exclusive)
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