Mann ki Baat Live: चीन से तनाव के बीच आज पीएम मोदी करेंगे मन की बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब से कुछ ही देर में अपने मासिक ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। यह 'मन की बात' का 66वां एपिसोड है। वे कोरोनावायरस महामारी के कारण प्रभावित हो रही पढ़ाई और मानसून पर चर्चा कर रहे हैं। इस बार की मन की बात कार्यक्रम के लिए उन्होंने 14 जून को ट्वीट करके जनता से सुझाव मांगे थे।  

Live Update:

  • ये साल कब बितेगा? अब लोगों में एक आम प्रश्न बन गया है। लोग यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द ये साल बीत जाए। मुश्किलें आती हैं संकट आते हैं लेकिन सवाल यही है कि क्या इन आपदाओं की वजह से हमें साल 2020 को खराब मान लेना चाहिए? मेरे प्यारे देश वासियों बिलकुल नहीं। एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां। नंबर कम ज्यादा हो जाने से वो साल खराब नहीं हो जाता।
  • लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नतमस्तक है। अपने वीर -सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है देश के लिए जो जज्बा है-यही तो देश की ताकत है।
  • अभी, कुछ दिन पहले, देश के पूर्वी छोर पर Cyclone Amphan आया, तो पश्चिमी छोर पर Cyclone Nisarg आया I कितने ही राज्यों में हमारे किसान भाई–बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं और कुछ नहीं, तो देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे भूकंप रुकने का ही नाम नहीं ले रहे।

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  • इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है I वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं।

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  • एक साल में एक चुनौती आए या पचास, नंबर कम-ज्यादा होने से, वो साल, ख़राब नहीं हो जाता। भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर, और ज्यादा निखरकर निकलने का रहा है।

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  • सैकड़ों वर्षों तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया।

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  • भारत में जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए। नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए,यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही।

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  • इसी साल में, देश नये लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊँचाइयों को छुएगा। मुझे, पूरा विश्वास, 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति पर है, आप सब पर है, इस देश की महान परम्परा है।

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  • भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है।

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  • लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आँख-में-आँख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।

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  • लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।

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  • बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी, देश की रक्षा के लिए, सेना में भेजूंगा। यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है।

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  • भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है।
  • हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।
  • कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप Local खरीदेंगे, Local के लिए Vocal होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है।

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  • भारत का संकल्प है - भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा। भारत का लक्ष्य है – आत्मनिर्भर भारत। भारत की परंपरा है – भरोसा, मित्रता। भारत का भाव है – बंधुता। हम इन्हीं आदर्शों के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

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  • कोरोना के संकट काल में देश lockdown से बाहर निकल आया है। अब हम unlock के दौर में हैं। unlock के इस समय में, दो बातों पर बहुत focus करना है - कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना।

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  • Lockdown से ज्यादा सतर्कता हमें unlock के दौरान बरतनी है। इस बात को हमेशा याद रखिए कि अगर आप mask नहीं पहनते हैं, दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं, या फिर, दूसरी जरुरी सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो, आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी जोखिम में डाल रहे हैं।
  • Unlock के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी unlock हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था। वर्षों से हमारा mining sector lockdown में था। Commercial Auction को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है।

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  • अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो, इस sector में भी बहुत सारी चीजें दशकों से lockdown में फसी थीं। इस sector को भी अब unlock कर दिया गया है । इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की आजादी मिली है।

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  • वहीं, दूसरी तरफ, उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है, ऐसे, अनेक क्षेत्र हैं जहाँ हमारा देश इन सब संकटों के बीच, ऐतिहासिक निर्णय लेकर, विकास के नये रास्ते खोल रहा है।
  • अरुणाचल प्रदेश की एक ऐसी ही प्रेरक कहानी, मुझे, media में पढ़ने को मिली। यहां, सियांग जिले के मिरेम गांव ने वो अनोखा कार्य कर दिखाया, जो समूचे भारत के लिए, एक मिसाल बन गया है।

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  • इस गांव के कई लोग, बाहर रहकर, नौकरी करते हैं । गांव वालों ने देखा कि कोरोना महामारी के समय, ये सभी, अपने गांव की ओर लौट रहे हैं । ऐसे में, गांव वालों ने, पहले से ही गांव के बाहर quarantine का इंतजाम करने का फैसला किया। 
  • उन्होंने, आपस में मिलकर, गांव से कुछ ही दूरी पर, 14 अस्थायी झोपड़ियाँ बना दीं, और ये तय किया, कि, जब, गांव वाले लौटकर आएंगे तो उन्हें इन्हीं झोपड़ियों में कुछ दिन quarantine में रखा जाएगा।

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  • उन झोपड़ियों में शौचालय, बिजली-पानी समेत, दैनिक जरुरत की हर तरह की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। जाहिर है, मिरेम गांव के लोगों के इस सामूहिक प्रयास और जागरूकता ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था कि इस महीने Mann Ki Baat कार्यक्रम 28 जून को प्रसारित होगा। चूंकि इसमें दो हफ्ते बाकी हैं, इसलिए अपने सुझाव दें। इससे मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों के विचार जान सकूंगा और फोन कॉल के ​जरिए उनसे जुड़ सकूंगा। मुझे विश्वास है कि आपके पास कोविड 19 से लड़ाई और कई दूसरे मुद्दों पर कहने के लिए बहुत कुछ होगा।

साल 2014 से लगातार मन की बात कर रहे हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने लोगों से बात करने के लिए रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चाय पर चर्चा कार्यक्रम के जरिए देश का माहौल बीजेपीमय किया था। इसी का नतीजा था कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
 



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prime minister modi discusses coronavirus in 65th episode of mann ki baat
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