डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेताओं ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजे जाने पर तीखी प्रक्रिया व्यक्त की है। सरकार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी को 35, लोधी एस्टेट स्थित सरकारी आवास एक महीने के अंदर खाली करने के लिए कहा है, क्योंकि वह अब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की प्रोटेक्टी की सूची में नहीं हैं।

कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य जितिन प्रसाद ने कहा, मैं सरकार की इन कार्रवाइयों के समय के बारे में नहीं समझ पा रहा हूं, हालांकि प्रियंका गांधी उप्र के लोगों के लिए काम करने और उनकी लड़ाई लड़ने के मिशन पर हैं और वह इन ध्यान भटकाने वाली हरकतों की चिंता नहीं करने वाली हैं।

कांग्रेस के एक अन्य नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि यह गलत है और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल का उद्धरण दिया, जिन्होंने कहा था कि शासक को बड़े दिल का होना चाहिए। उन्होंने कहा, जमीन चीनियों से खाली करानी थी, लेकिन सरकार ने दिल्ली में एक घर खाली कराने को चुना है।

कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि यह राजनीति का एक नया निचला स्तर है और मोदी सरकार ने एक शहीद की बेटी का अपमान किया है। कांग्रेस नेता नसीब पठान ने मांग की कि नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य के.सी. वेणुगोपाल इस्तीफा दें और प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजा जाए।

एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर ने कहा, जो लोग चीनियों को खाली नहीं करा सके, वे प्रियंका गांधी से आवास खाली करा रहे हैं। याद कीजिए इंदिरा गांधी को भी इसी तरह खाली कराया गया था, लेकिन जो लोग इसके लिए जिम्मेदार थे, उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। सरकार ने एक आदेश में कहा है कि उसने प्रियंका को आवंटित आवास रद्द कर दिया है और एक महीने के भीतर खाली करने का निर्देश दिया है।



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Congress condemns Priyanka for sending notice to vacate house
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