डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रिमंडल का आज (गुरुवार, 2 जुलाई) विस्तार होगा। प्रदेश की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गुरुवार सुबह 11 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी। यह सीएम चौहान के मंत्रिमंडल की पहला विस्तार होगा। कैबिनेट में दो दर्जन से अधिक मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सिंधिया समर्थकों काे मौका मिलना तय है।
दरअसल बुधवार को ही सीएम शिवराज ने मीडिया से बातचीत के दौरान कैबिनेट विस्तार को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लगा दिया था। हालांकि इस दौरान उन्होंने राज्य भाजपा में चल रहे असंतोष और मंत्रिमंडल को लेकर पार्टी में चल रहे मंथन के सवाल पर कहा था कि मंथन में तो अमृत निकलता है, विष तो शिव पी जाते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवराज के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान दो दिन दिल्ली में रहने के बाद मंगलवार को भोपाल लौटे। उनका दिल्ली प्रवास मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर ही था।
कैबिनेट विस्तार से पहले देर रात तक चला मंथन
मंत्रिमंडल में लगभग 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। शिवराज कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए 9 पूर्व विधायकों को भी जगह मिल सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वाले मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा बुधवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर पार्टी के विभिन्न विधायकों से बात करते रहे। शिवराज के पिछले मंत्रिमंडल के प्रमुख चेहरों विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह के साथ नए नामों को भी मौका दिए जाने पर सहमति बनी है।
कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया के दो समर्थक विधायक अभी शिवराज कैबिनट में शामिल हैं। इसके अलावा इमरती देवी, महेंद्र सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह और हरदीप सिंह डंग के मंत्री बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
23 मार्च को चौथी बार सीएम बने शिवराज
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके समर्थक 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद 20 मार्च को कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके 28 दिन बाद 5 मंत्रियों वाली कैबिनेट ने 21 अप्रैल को शपथ ली थी। राज्य में बीजेपी की सरकार बने हुए तीन महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। अभी तक सिर्फ मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद पांच मंत्रियों को ही शपथ दिलाई जा सकी है।
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