डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व डिफेंडर गौरमांगी सिंह का मानना है कि इंडियन सुपर लीग (ISL) ने खिलाड़ियों को वित्तीय रूप से अधिक सुरक्षित महसूस करने में मदद की है। 2014 में ISL की शुरुआत होने के बाद इसमें एलेसेंड्रो डेल पियरो और रॉबर्ट पाइरेस जैसे वैश्विक फुटबॉलर को खेलते हुए देखा गया है।
गौरमांगी ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, मैं ISL में खेला हूं और मैंने पेशेवर देखी है जो कि लीग में है। ISL में खिलाड़ी शांत हैं और वे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि अपने अनुबंध की चिंता नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, भारतीय फुटबॉल का विकास ISL के माध्यम से हुआ है और सभी क्लबों के बीच अब पेशेवर का एक स्थिर पैटर्न है।
गौरमांगी ने साथ ही कहा कि जिको और एंटोनियो हबास जैसे कोच ने भारतीय खिलाड़ियों के विकास में मदद की है और मैदान में क्लब और देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में भी मदद की है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमारे पास कुछ अच्छे कोच भी हैं, जिनके पास अनुभव है और वे भारतीय प्रतिभाओं को कोचिंग दे रहे हैं। यह पहले भी था, लेकिन ISL के साथ यह अब नियमित हो गया है। ISL की सभी टीमें सिर्फ एक-दूसरे के साथ ही नहीं, बल्कि सभी टीमों के साथ भी प्रतिस्पर्धा करती हैं। हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है लेकिन मुझे लगता है कि हम सही दिशा में हैं।
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