डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत रत्न से सम्मानित देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को आज (1 सितंबर) अंतिम विदाई दी जाएगी। दोपहर 12 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा। दोपहर 2.30 बजे दिल्ली के लोधी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। बता दें कि, मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर देश दुनिया के राजनेताओं ने मुखर्जी के निधन पर शोक जताया है।

देश में सात दिन का राजकीय शोक, तिरंगा आधा झुका 
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान देश भर में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे जहां ध्वज लगे रहते हैं। राष्ट्रपति भवन और संसद भवन में तिरंगा आधा झुका दिया गया है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी 1 सितंबर को राजकीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान सभी सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे। राज्य पुलिस दिवस समारोह भी 2 सितंबर के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में ली अंतिम सांस
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम निधन हुआ। 84 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में अंतिम सांस ली। वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। खून का थक्का जमने के कारण उनकी ब्रेन सर्जरी भी हुई थी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी थी। प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल में हुआ था जन्म
प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूमि जिले के मिरती गांव में हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहे। वे 1952 से 1964 तक बंगाल विधायी परिषद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे। प्रणब मुखर्जी ने कॉलेज प्राध्यापक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद वे पत्रकार भी रहे। 1969 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की। इंदिरा गांधी उन्हें राजनीति में लेकर आईं।



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Former President Pranab Mukherjee Death Live Updates Funeral held at Lodhi Road crematorium 7 day mourning
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