डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का आभार जताते हुए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी है। देश में 1962 से हर साल पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाकर शिक्षकों के योगदान को याद किया जाता है। यह दिवस, देश के पूर्व राष्ट्रपति, पहले उपराष्ट्रपति और जाने-माने शिक्षाविद रहे डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
टीचर्स डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, हमारे राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वाले परिश्रमी शिक्षकों के हम आभारी रहेंगे। शिक्षक दिवस पर, हम अपने शिक्षकों का उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करते हैं। पीएम ने डॉ. राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्वीट में एक हैशटैग का भी इस्तेमाल किया, जिसमे लिखा है- हमारे शिक्षक, हमारे हीरो (OurTeachersOurHeroes)।
Who better than our knowledgeable teachers to deepen our connect with our nation’s glorious history. During the recent #MannKiBaat, I had shared an idea of teachers teaching students about lesser known aspects of our great freedom struggle. #OurTeachersOurHeroes pic.twitter.com/rsJiU3juLA
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2020
प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों जारी हुए मन की बात का एक अंश ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, हमारे राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास से हमारा जुड़ाव गहरा करने के लिए हमारे जानकार शिक्षकों से बेहतर कौन है? दरअसल पीएम मोदी ने पिछले रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कहा था, कोरोना संकट काल में शिक्षकों ने चुनौती को अवसर में बदला। शिक्षा में तकनीक का उपयोग किया। शिक्षक और छात्र मिलकर कुछ नया कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपील की थी कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसका लाभ वे छात्रों तक पहुंचाएं।
शिक्षक दिवस की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा था, 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। यह जरूरी है कि हमारी आज की पीढ़ी, आजादी की जंग, देश के नायकों से परिचित हों। ऐसे में अपने जिले में आजादी के आंदोलन में क्या हुआ, कौन शहीद हुआ, कौन जेल में रहा। यह बातें विद्यार्थी जानेंगे तो उनके व्यक्तित्व में बदलाव होगा। वहां जो घटनाएं हुईं, उन पर विद्यार्थियों से रिसर्च कराई जा सकती है। हस्तलिखित बुक तैयार की जा सकती है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को स्वतंत्रता से जुड़े स्थानों पर ले जा सकते हैं। आजादी के 75 वर्ष पर 75 नायकों पर विद्यार्थियों से कविताएं लिखवाई जा सकती हैं।
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